Sunday, December 22, 2024

अमित शाह के बयान पर यूपी में विरोध प्रदर्शन: सपा-कांग्रेस सड़कों पर, वाराणसी में झड़प, आजमगढ़ और मेरठ में पुतला दहन?

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मेरठ में सपा-कांग्रेस, आप और वकीलों का प्रदर्शन

AIN NEWS 1: मेरठ में कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। यहां कमिश्नरी चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट पर विपक्षी दलों के नेता पहुंचे। सभी ने गृहमंत्री को अपने बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की। अमित शाह के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर वकीलों ने भी प्रदर्शन किया।गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए बयान को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर गृहमंत्री के बयान को अंबेडकर और संविधान का अपमान बताया।

क्या कहा था अमित शाह ने?

गृह मंत्री अमित शाह ने 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में कहा था:

“अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

इस बयान के बाद विपक्षी दलों और संगठनों ने इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दिया और अमित शाह से सार्वजनिक माफी की मांग की।

वाराणसी: पुलिस और छात्रों के बीच झड़प

वाराणसी में समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने काशी विद्यापीठ में अमित शाह का पुतला जलाने की कोशिश की। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, जिससे कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई।

पुलिस ने छात्रों का पुतला छीनकर कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। समाजवादी छात्रसभा के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विमलेश यादव ने कहा:

 “बाबा साहेब का अपमान अक्षम्य है। भाजपा की सोच संविधान के खिलाफ है। हम इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

सपा कार्यकर्ताओं ने भेलूपुर स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आरती भी उतारी।

आजमगढ़: पुतला दहन और ज्ञापन सौंपा गया

आजमगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने अमित शाह का पुतला जलाया। सपा जिला अध्यक्ष हवलदार यादव और पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर गृहमंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।

छात्र सभा के नेता कुणाल मौर्य ने कहा:

“सदन में शाह द्वारा दिए गए बयान से पूरा देश आहत है। यह डॉ. अंबेडकर के योगदान का अपमान है।”

मेरठ: विपक्षी दलों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया

मेरठ में सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मिलकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। वकीलों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने शाह से संसद में आकर माफी मांगने की मांग की।

सपा नेता वरुण सिंह ने कहा:

 “बाबा साहेब का नाम लेना फैशन नहीं, बल्कि यह समानता और सामाजिक न्याय की क्रांति का प्रतीक है। भाजपा के नेता संविधान को सबसे बड़ा विरोधी मानते हैं।”

कानपुर: वकीलों ने जताया विरोध

कानपुर में वकीलों ने अमित शाह के बयान को अस्वीकार्य बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पुतला जलाकर अपनी नाराजगी जाहिर की।

सहारनपुर: भीम आर्मी ने दी चेतावनी

सहारनपुर में भीम आर्मी और जय भीम संगठन के कार्यकर्ताओं ने अमित शाह को माफी मांगने की चेतावनी दी। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष सनी गौतम ने कहा:

 “हमारे भगवान डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं। गृहमंत्री को माफी मांगनी होगी, नहीं तो देशभर में आंदोलन होगा।”

गृह मंत्री पर आरोप और विपक्ष की मांग

प्रदर्शनकारियों ने अमित शाह पर डॉ. अंबेडकर और संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा गरीब और वंचित वर्ग के शोषण का प्रयास कर रही है। सपा, कांग्रेस और भीम आर्मी ने राष्ट्रपति से अपील की है कि शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।

विरोध के पीछे मुख्य संदेश

यह विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि डॉ. अंबेडकर के प्रति श्रद्धा और संविधान की रक्षा के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है। गृहमंत्री शाह का बयान उनकी राजनीतिक विचारधारा का परिचायक बताया जा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने न केवल विपक्ष को बल्कि आम जनता और सामाजिक संगठनों को भी आक्रोशित कर दिया है। विरोध प्रदर्शन का सिलसिला पूरे उत्तर प्रदेश में देखा गया, और यह संकेत मिलता है कि यह मामला जल्द ही ठंडा नहीं होगा।

 

 

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