AIN NEWS 1 | पंजाब में इस साल आई भीषण बाढ़ ने लाखों किसानों की कमर तोड़ दी। फसलें बर्बाद हो गईं, घर ढह गए और खेतों में रेत और मिट्टी भर गई। ऐसे मुश्किल समय में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया।
सोमवार (8 सितंबर 2025) को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री मान इस बैठक में अस्पताल से जुड़े, क्योंकि वह बीते तीन दिनों से तबीयत खराब होने के कारण भर्ती हैं। तस्वीरों में देखा गया कि उन्हें ड्रिप लगी हुई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने राज्य और किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता दी।
पंजाब सरकार का बड़ा राहत पैकेज
बैठक में किसानों और बाढ़ पीड़ितों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें मुख्य बिंदु शामिल हैं:
मुआवजा योजना
बाढ़ प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
जिन किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
“जिसका खेत, उसकी रेत” स्कीम
बाढ़ के कारण खेतों में बड़ी मात्रा में रेत और मिट्टी जमा हो गई है।
सरकार ने फैसला लिया कि किसान अपने खेत की रेत और मिट्टी को बेच भी सकेंगे।
इस प्रक्रिया को “डिसिल्टिंग” कहा जाता है और इसकी अनुमति पंजाब कैबिनेट ने दी है।
मृतकों के परिवारों को सहायता
बाढ़ में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
गिरे हुए मकानों का सर्वे और मुआवजा
सरकार प्रभावित इलाकों में सर्वे कराएगी।
जिनके घर बाढ़ में गिर गए हैं, उन्हें भी उचित मुआवजा मिलेगा।
कर्ज़ में राहत
किसानों और ग्रामीणों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने कॉपरेटिव सोसाइटियों और सरकारी बैंकों के कर्ज की लिमिट 6 महीने तक बढ़ा दी है।
इस अवधि में किसानों को न तो किस्त चुकानी होगी और न ही ब्याज देना पड़ेगा।
पशुपालन सहायता
बाढ़ में जिन किसानों के मवेशी मारे गए, उन्हें भी सरकार वित्तीय सहायता देगी।
स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय
बाढ़ के बाद बीमारियां न फैलें, इसके लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
गांव-गांव में फोगिंग मशीनें दी जाएंगी ताकि मच्छरों से बचाव हो सके।
हर गांव के क्लिनिक में डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।
लोगों के घरों के पास स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएंगे, ताकि सभी को आसानी से दवाइयां और इलाज मिल सके।
सफाई और इंफ्रास्ट्रक्चर का सर्वे
सरकार ने आदेश दिया है कि प्रभावित शहरों और गांवों में सफाई अभियान चलाया जाए।
स्कूलों, इमारतों और बिजली ग्रिड्स को हुए नुकसान का भी सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
CM मान का जज़्बा
आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया पर सीएम मान की तस्वीर साझा की, जिसमें वह अस्पताल के बेड से कैबिनेट मीटिंग में जुड़े दिखे। AAP ने लिखा:
“पंजाब और पंजाबियों के लिए यह है CM मान का जज़्बा। मुख्यमंत्री की तबीयत खराब है, उन्हें अस्पताल में ड्रिप लगी हुई है। लेकिन फिर भी वह पंजाब की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।”
पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री खुद राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और एक-एक पंजाबी की सेवा में पूरी तरह समर्पित हैं।
किसानों में राहत की उम्मीद
किसानों का कहना है कि यह घोषणा उनके लिए बेहद राहत देने वाली है। खेतों में जमा रेत को बेचने का अधिकार मिलना और मुआवजा राशि उन्हें दोहरी मदद प्रदान करेगी। साथ ही, कर्ज और ब्याज से 6 महीने की छूट भी उनके लिए बड़ी राहत है।
भविष्य की चुनौतियां
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब सरकार के लिए इस राहत पैकेज को सही तरीके से लागू करना एक बड़ी चुनौती होगी। मुआवजा वितरण में पारदर्शिता और तेजी जरूरी होगी, ताकि वास्तविक पीड़ित किसानों तक मदद समय पर पहुंच सके।
पंजाब सरकार ने यह दिखा दिया है कि मुश्किल समय में वह किसानों और बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का अस्पताल से कैबिनेट मीटिंग में शामिल होना इस बात का सबूत है कि नेतृत्व केवल कुर्सी से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से दिखाया जाता है।