AIN NEWS 1 | पंजाब इस बार भारी मानसून और लगातार हो रही बारिश की वजह से गंभीर बाढ़ की चपेट में है। राज्य के 1000 से अधिक गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं और करीब 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा ने अब तक 43 लोगों की जान ले ली है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भय और दुख का माहौल है।
किसानों की मेहनत पानी में बह गई है और हजारों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सैकड़ों घर ढह गए, पशुधन बह गया और लोग अपने घर-गांव छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में निकल पड़े।
केंद्रीय और राज्य नेताओं का दौरा
इस भयावह स्थिति के बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली के मुख्यमंत्री व AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार हर तरह से पंजाब के साथ खड़ी है और प्रभावित लोगों को पूरी मदद पहुंचाई जाएगी। उन्होंने किसानों से सीधा संवाद किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर हालात का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
बांध और नदियों में बढ़ा खतरा
भाखड़ा बांध में पानी का स्तर 1680 फीट की अधिकतम क्षमता से मात्र 1 फीट नीचे पहुंच गया है। इस वजह से पानी छोड़े जाने से रूपनगर और सतलुज नदी के किनारे बसे निचले इलाके खतरे में आ गए हैं। प्रशासन ने वहां रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
पटियाला जिले के पटरान इलाके में घग्गर नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सावधान रहने और बाढ़ संभावित क्षेत्रों को खाली करने की सलाह दी है।
पंजाब सरकार की तैयारी और राहत अभियान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि सरकार हालात पर लगातार नज़र रख रही है। हर बाढ़ प्रभावित गांव में एक राजपत्रित अधिकारी की तैनाती की गई है, ताकि लोगों और प्रशासन के बीच सीधा संवाद हो सके। इससे प्रभावित परिवार अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों को बता पाएंगे और तुरंत समाधान मिलेगा।
इसके साथ ही,
विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है ताकि किसानों की फसलों और संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन किया जा सके।
बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।
प्रभावित इलाकों में खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य जरूरी वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।
‘जल प्रलय’ की स्थिति: शिवराज सिंह
शिवराज सिंह चौहान ने दौरे के दौरान कहा कि पंजाब की मौजूदा स्थिति को देखकर इसे ‘जल प्रलय’ कहना गलत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दो विशेष दल पंजाब भेजे गए हैं जो स्थिति का आकलन करेंगे और अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगे।
उन्होंने किसानों से भी सीधे संवाद किया और उनकी परेशानियों को सुना। चौहान ने आश्वासन दिया कि नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठाएगी।
किसानों पर डबल मार
पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य में बाढ़ का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ा है।
कई किसानों की पूरी फसल तबाह हो गई है।
पशुधन का नुकसान हुआ है।
जिन किसानों ने कर्ज लेकर फसल उगाई थी, वे अब दोगुनी मुश्किल में फंस गए हैं।
किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि प्रभावित परिवारों और किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए और उनके कर्ज माफ किए जाएं।
प्रशासन और जनता की साझेदारी
हालांकि हालात बेहद गंभीर हैं, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। कई गांवों में लोग अपने स्तर पर भी राहत शिविर चला रहे हैं और एक-दूसरे को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं।
पंजाब की यह बाढ़ केवल प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि लाखों किसानों और ग्रामीण परिवारों की जिंदगी पर गहरा असर डालने वाली त्रासदी है। सरकार और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन असली चुनौती प्रभावित परिवारों को दोबारा सामान्य जिंदगी में वापस लाने की होगी।



















