AIN NEWS 1 | देश की राजनीति में एक बार फिर आर्थिक स्थिति को लेकर बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को “डेड इकोनॉमी” यानी मृत अर्थव्यवस्था कहे जाने पर राजनीतिक हलचल मच गई है। इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने खुलकर राहुल गांधी का समर्थन किया है।
राम गोपाल यादव बोले – “ये बात कौन नहीं जानता?”
सपा सांसद राम गोपाल यादव, जो समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा भी हैं, ने राहुल गांधी के बयान पर सहमति जताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा:
“भारत की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब है। ये बात कौन नहीं जानता है? दिल्ली की चमक-धमक एक भ्रम है। देहात में जाइए, वहां 90% लोग रहते हैं और उनकी हालत देखिए। वहाँ की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।”
राम गोपाल यादव का ये बयान सीधे तौर पर सरकार की आर्थिक नीतियों पर कटाक्ष माना जा रहा है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी से जब डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर दिए गए टैरिफ वाले बयान को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने ट्रंप की टिप्पणी पर सहमति जताते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को “Dead Economy” कह डाला।
“राष्ट्रपति ट्रंप बिल्कुल सही कह रहे हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर यह बात देश का हर नागरिक जानता है – भारतीय अर्थव्यवस्था अब मरी हुई इकॉनॉमी बन चुकी है।”
राहुल ने आगे कहा,
“मैं खुश हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सच्चाई को दुनिया के सामने उजागर किया है। भारत की अर्थव्यवस्था मर चुकी है, ये अब पूरी दुनिया जानती है।”
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा:
“THE INDIAN ECONOMY IS DEAD. Modi killed it.”
इस पोस्ट के साथ राहुल ने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने देश के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया क्योंकि देश में नौकरियां नहीं हैं।
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीव्र विरोध दर्ज कराया है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा:
“राहुल गांधी ने ट्रंप की टिप्पणी को दोहराकर नीचता की नई सीमा पार कर दी है। उनका यह बयान भारत की जनता की मेहनत, आकांक्षाओं और उपलब्धियों का घोर अपमान है।”
बीजेपी के अनुसार, राहुल गांधी बार-बार भारत को कमजोर दिखाने की कोशिश करते हैं, जो न केवल देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि विदेशी ताकतों को भारत के खिलाफ बोलने का मौका भी देता है।
ग्रामीण बनाम शहरी भारत: किसकी अर्थव्यवस्था बेहतर?
राम गोपाल यादव ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया — शहरी बनाम ग्रामीण असमानता। उन्होंने कहा कि:
दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जो विकास दिख रहा है, वो केवल कुछ प्रतिशत आबादी के लिए है।
असली भारत तो गांवों में बसता है, जहां 90% से ज्यादा जनसंख्या रहती है।
गांवों में न रोजगार है, न खेती की सही हालत।
महंगाई और कर्ज ने ग्रामीण जनता की कमर तोड़ दी है।
उनका यह बयान ज़मीनी हकीकत की ओर इशारा करता है, जिसे अक्सर आर्थिक आंकड़ों के पीछे छिपा दिया जाता है।
राजनीतिक मायने और भविष्य की दिशा
राहुल गांधी का बयान और समाजवादी पार्टी का समर्थन ये दिखाता है कि विपक्ष अब आर्थिक मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए एकजुट हो रहा है। खासकर ऐसे समय में जब देश में बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे लोगों को सीधे प्रभावित कर रहे हैं।
इस बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि आने वाले चुनावों में विपक्ष की रणनीति अब विकास बनाम हकीकत के आधार पर तैयार हो रही है।
सारांश तालिका:
मुद्दा | विवरण |
---|---|
राहुल गांधी का बयान | “The Indian Economy is Dead. Modi killed it.” |
SP का समर्थन | राम गोपाल यादव बोले – “देश की हालत सबको पता है” |
बीजेपी की प्रतिक्रिया | “यह भारत का अपमान है” – अमित मालवीय |
मुख्य मुद्दा | ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदहाली, बेरोजगारी |
राजनीतिक असर | विपक्ष एकजुट, BJP रक्षात्मक |
निष्कर्ष:
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर राजनीतिक बहस फिर से गर्म हो गई है। राहुल गांधी के ‘डेड इकॉनॉमी’ बयान ने जहां सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए, वहीं समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों के समर्थन से ये मुद्दा और गहरा हो गया है।
जनता के बीच यह सवाल अब और तेज़ हो गया है – क्या आंकड़ों की चमक असली हालात को छुपा रही है?
In a political twist, Samajwadi Party MP Ram Gopal Yadav has come forward to support Rahul Gandhi’s ‘dead economy’ remark, adding weight to the Congress leader’s strong criticism of the Indian government’s handling of the economy. Rahul’s statement followed Donald Trump’s comment on India’s declining financial health. The BJP, however, responded fiercely, calling Rahul’s statement a disgrace to the aspirations of Indian citizens.