AIN NEWS 1 | कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर एक अहम मामला सामने आया है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी दोनों को एक पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंताएं जताई हैं।
CRPF का आरोप है कि राहुल गांधी बार-बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं और अपनी विदेश यात्राओं की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को समय पर नहीं दे रहे। यह लापरवाही न सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि पूरे सुरक्षा तंत्र पर अतिरिक्त दबाव भी डाल रही है।
पत्र में क्या लिखा?
यह पत्र 10 सितंबर 2025 को CRPF के डीजी सिक्योरिटी द्वारा लिखा गया। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी को Z+ श्रेणी सुरक्षा (Advanced Security Liaison – ASL सहित) मिली हुई है। इसके तहत उन्हें CRPF की Yellow Book गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होता है।
लेकिन आरोप है कि राहुल गांधी कई बार इन नियमों का पालन नहीं कर पाए। सबसे गंभीर बात यह बताई गई कि उन्होंने पिछले 9 महीनों में 6 बार विदेश दौरे किए, और इनमें से किसी की भी सूचना पहले से CRPF को नहीं दी।
सुरक्षा नियम क्या कहते हैं?
Z+ सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को विदेश यात्रा से कम से कम 15 दिन पहले सुरक्षा एजेंसियों को सूचना देनी होती है।
इसका मकसद यह होता है कि CRPF स्थानीय एजेंसियों के साथ मिलकर सुरक्षा इंतज़ाम कर सके।
अगर यह जानकारी पहले से न मिले तो मौके पर सुरक्षा प्रबंधन बेहद कठिन हो जाता है।
CRPF ने कहा कि राहुल गांधी की इस अनदेखी ने सुरक्षा व्यवस्था को कई बार मुश्किल में डाल दिया।
किन दौरों की सूचना नहीं दी गई?
CRPF पत्र के मुताबिक राहुल गांधी ने इन 6 विदेश यात्राओं की सूचना नहीं दी:
30 दिसंबर 2024 – 9 जनवरी 2025: इटली दौरा
12 मार्च – 17 मार्च 2025: वियतनाम दौरा
17 अप्रैल – 23 अप्रैल 2025: दुबई दौरा
11 जून – 18 जून 2025: दोहा (कतर) दौरा
25 जून – 6 जुलाई 2025: लंदन दौरा
4 सितंबर – 8 सितंबर 2025: मलेशिया दौरा
इन यात्राओं के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को आखिरी समय तक जानकारी नहीं मिली, जिससे प्रोटोकॉल के तहत जरूरी तैयारियां नहीं हो सकीं।
क्यों है मामला गंभीर?
राहुल गांधी देश के चुनिंदा अतिसंवेदनशील वीवीआईपी में से एक हैं। सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं कि उनकी सुरक्षा में जरा सी भी चूक राष्ट्रीय महत्व का विषय बन सकती है।
CRPF ने पत्र में साफ कहा कि बार-बार प्रोटोकॉल तोड़ने से न सिर्फ उनकी सुरक्षा पर खतरा मंडराता है, बल्कि सुरक्षाबलों पर भी अनावश्यक दबाव पड़ता है।
खरगे को क्यों भेजा गया पत्र?
चिट्ठी सिर्फ राहुल गांधी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी भेजी गई है। इसका मकसद यह है कि पार्टी स्तर पर भी राहुल गांधी को सुरक्षा नियमों के पालन की गंभीरता समझाई जाए।
CRPF ने खरगे और राहुल दोनों से अपील की है कि आगे से सभी विदेश यात्राओं और कार्यक्रमों की जानकारी समय पर दी जाए और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।
लगातार विवादों में राहुल की सुरक्षा
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हों।
पहले भी उनकी पदयात्राओं और चुनावी रैलियों के दौरान सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की खबरें सामने आती रही हैं।
कई बार राहुल गांधी बिना सुरक्षा घेरे के भीड़ में घुसते हुए नज़र आए हैं।
विरोधियों का आरोप है कि वह जानबूझकर सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं, जबकि कांग्रेस का कहना है कि राहुल लोगों से जुड़ने में सुरक्षा प्रोटोकॉल को बाधा नहीं बनने देते।
आगे क्या होगा?
सुरक्षा एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह मामला राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एक तरफ राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े चेहरों में से हैं और उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ उनकी खुद की लापरवाही एजेंसियों को मुश्किल में डालती है।
अगर कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में राहुल गांधी की सुरक्षा पर और सवाल खड़े हो सकते हैं।