AIN NEWS 1 | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर इस घटना की लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार से जवाब की मांग की। वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि घटना में सरकार की कोई गलती नहीं थी।
राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने इस घटना को बदइंतजामी और लापरवाही करार देते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “यह सरकार पूरी तरह से असफल रही है। इस घटना से साबित होता है कि प्रशासन ने इस हादसे की संभावना को नजरअंदाज किया।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने समय रहते इस मामले पर ध्यान दिया होता, तो यह जानलेवा हादसा नहीं होता।
जीतन राम मांझी का बचाव
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “राहुल गांधी कोई महान पंडित नहीं हैं। उन्होंने कभी सरकार नहीं चलाई है, फिर भी ऐसे आरोप लगा रहे हैं।” जीतन राम मांझी ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा, “महाकुंभ में अब तक 52 करोड़ लोग आए हैं और प्रबंधन पूरी तरह से सही तरीके से चल रहा है। यूपी प्रशासन ने अच्छा काम किया है।”
उन्होंने भगदड़ की घटना के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराया और कहा, “सरकार की कोई गलती नहीं है। लोग अपनी मनमानी करते हैं और प्रशासन की बात नहीं मानते, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं।”
मल्लिकार्जुन खरगे की मांगें
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और सरकार से कई मांगें रखीं। उन्होंने ट्वीट किया, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से कई लोगों की मृत्यु हो जाने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। स्टेशन से आ रहे वीडियो हृदयविदारक हैं। मोदी सरकार मौतों की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है, जो बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।”
उन्होंने सरकार से मृतकों और घायलों की संख्या की तुरंत घोषणा करने, गुमशुदा लोगों की पहचान सुनिश्चित करने और पीड़ितों के परिवारों को सहायता देने की मांग की।
हादसे का विवरण
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यह भगदड़ शनिवार रात को हुई थी। हजारों यात्री प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफॉर्म पर मौजूद थे। अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में कई लोग दबकर घायल हो गए, और 18 लोगों की मौत हो गई। कई यात्रियों को बिना ट्रेन पकड़े ही वापस लौटना पड़ा।