AIN NEWS 1 | तेलंगाना में कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए जाति-आधारित सर्वेक्षण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधा चैलेंज किया है। राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना और आरक्षण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे जातिगत जनगणना को संसद में पास कराएंगे और आरक्षण पर 50% की सीमा को तोड़ देंगे।
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Toggleराहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला
9 नवंबर 2024 को तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य का पहला जाति-आधारित सर्वेक्षण शुरू होने के बाद, राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “मोदी जी, आज से तेलंगाना में जातिगत गिनती शुरू हो गई है। इससे मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल हम प्रदेश के हर वर्ग के विकास के लिए नीतियां बनाने में करेंगे। जल्द ही यह महाराष्ट्र में भी होगा। सबको पता है कि भाजपा देश में एक व्यापक जाति जनगणना नहीं करवाना चाहती है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं मोदी जी से साफ कहना चाहता हूं, आप देश भर में जातिगत जनगणना को रोक नहीं सकते हैं। हम इसी संसद में जातिगत जनगणना को पास करके दिखाएंगे और आरक्षण पर से 50% की सीमा को तोड़ देंगे।”
तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण की शुरुआत
तेलंगाना सरकार ने 9 नवंबर को राज्य का पहला जातिगत सर्वेक्षण शुरू किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में 80,000 से अधिक गणनाकर्ता 33 जिलों के 1.17 करोड़ घरों का सर्वेक्षण करेंगे। इससे पहले, कांग्रेस ने 5 नवंबर को एक बैठक की थी जिसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे। उन्होंने इस जातिगत जनगणना को पूरी तरह से सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह कांग्रेस की राष्ट्रीय दृष्टिकोण का हिस्सा है।
भेदभाव के खिलाफ राहुल गांधी की बातें
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा, “उन्हें आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि वह भारत में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं।” उन्होंने पूछा, “प्रधानमंत्री यह पूछने से क्यों डरते हैं कि कॉरपोरेट, न्यायपालिका, मीडिया में कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी हैं?”
आरक्षण की सीमा पर नया विवाद
राहुल गांधी के इस बयान से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस अब आरक्षण पर 50% की सीमा को तोड़ने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का डेटा सरकार को समाज के सभी वर्गों के लिए अधिक समतामूलक नीतियां बनाने में मदद करेगा।
राजनीतिक गलियारों में गर्माहट
राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा ने जातिगत जनगणना का विरोध करते हुए इसे देश को बांटने की साजिश बताया, जबकि कांग्रेस इसे समतामूलक समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
क्या है आगे की राह?
अब देखने वाली बात यह होगी कि जातिगत जनगणना और आरक्षण पर 50% की सीमा को तोड़ने के मुद्दे पर देश की राजनीति किस दिशा में जाएगी। कांग्रेस इसे 2024 के लोकसभा चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बनाने की तैयारी में है, जिससे भाजपा के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।