AIN NEWS 1 | अमेरिका में वर्जीनिया के हर्नडन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय समाज और राजनीति पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे भारत को विभिन्न चीजों का समूह मानते हैं, जबकि भारत एक समृद्ध और विविधता से भरा संघ है।
नरेंद्र मोदी और भाजपा पर टिप्पणी
राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी व्यक्तिगत राय को स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता। मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूँ, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता। कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूँ।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके विचार अलग होने के बावजूद, व्यक्तिगत भावनाओं की बजाय विचारधारा की असहमति को महत्व देना चाहिए।
आरएसएस और भाजपा पर आलोचना
राहुल गांधी ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह कुछ राज्यों और समुदायों को अन्य से कमतर मानता है। उन्होंने कहा, “आरएसएस की विचारधारा यह मानती है कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी जैसी भाषाएं निम्न हैं। यह हमारी विविधता को नकारने का प्रयास है।” उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नागपुर में स्थित आरएसएस का मुख्यालय एक विशेष विचारधारा को ही महत्व देता है, जबकि देश की विविधता और समावेशिता को नजरअंदाज करता है।
भारत की विविधता पर जोर
राहुल गांधी ने भारत की विविधता को उदाहरण के तौर पर लिया और कहा, “हमारा मानना है कि हर राज्य, समुदाय, और भाषा की अपनी महत्वता है। अगर कोई आपसे कहे कि आप तमिल नहीं बोल सकते, तो आपको कैसा लगेगा?” उन्होंने भारतीय भोजन की थाली में विभिन्न व्यंजनों का जिक्र करते हुए कहा कि यही भारत की विविधता का प्रतीक है।
भारत के भविष्य पर सवाल
राहुल गांधी ने अंत में सवाल उठाया, “हम किस प्रकार का भारत चाहते हैं? क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं जहाँ लोगों को अपनी मान्यताओं का पालन करने की अनुमति हो, या हम ऐसा भारत चाहते हैं जहाँ कुछ लोग ही तय करें कि क्या होगा?” उनके अनुसार, यह लड़ाई एक समावेशी और विविधता से भरपूर भारत के निर्माण की है।
इस कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय समाज की विविधता और उसकी रक्षा के महत्व को प्रमुखता से उजागर किया, और भाजपा तथा आरएसएस की विचारधाराओं पर आलोचनात्मक टिप्पणी की।