AIN NEWS 1 | राज ठाकरे एक बार फिर अपने तीखे बयानों और भाषा को लेकर चल रहे विवादों को लेकर चर्चा में हैं। शुक्रवार, 18 जुलाई को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने मीरा रोड में एक सभा को संबोधित करते हुए भाषा के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी।
राज ठाकरे ने खुद को महाराष्ट्र का सबसे अच्छा हिंदी बोलने वाला नेता बताते हुए कहा, “महाराष्ट्र में जितने भी नेता हैं, उनमें सबसे अच्छी हिंदी मेरी है। यह मेरे पिता की देन है, जिन्हें हिंदी, उर्दू और मराठी तीनों भाषाएं अच्छी तरह आती थीं।”
उन्होंने कहा कि उन्हें सभी भाषाओं से प्रेम है, लेकिन जो लोग मराठी भाषा का अपमान करते हैं, उन्हें जवाब देना ज़रूरी है।
हिंदी भाषा पर राज ठाकरे का बयान:
राज ठाकरे ने सीधे तौर पर हिंदी भाषा को लेकर अपनी राय दी। उन्होंने कहा,
“हिंदी किसी राज्य की मातृभाषा नहीं है। यह एक बनाई गई भाषा है, जो इधर-उधर की भाषाओं को मिलाकर बनी है। यह लगभग 200 साल पुरानी है। हिंदी ने 250 से ज्यादा भाषाओं को खत्म कर दिया।”
उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान चालीसा जो आमतौर पर हिंदी से जोड़ी जाती है, अवधी में लिखी गई है, न कि हिंदी में।
मीरा रोड की घटना का ज़िक्र:
राज ठाकरे मीरा रोड में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए वहां चार जेसीबी मशीनें खड़ी की गई थीं, जिनसे उन पर फूलों की वर्षा की गई।
इस दौरान उन्होंने हाल ही में हुई एक भाषा को लेकर हुई बहस का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि,
“मेरे लोग पानी पीने गए थे, उन्होंने वहां मौजूद व्यक्ति से मराठी में कुछ कहा। उस व्यक्ति ने कहा कि सब लोग हिंदी में ही बोलते हैं। जब मराठी भाषा को अनदेखा किया गया, तब जवाब मिलना ही था। अगर कोई मराठी नहीं समझेगा, तो कान के नीचे मराठी जरूर बजेगी।”
राज ठाकरे का संदेश:
राज ठाकरे ने साफ किया कि वे सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में मराठी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
उन्होंने अपने समर्थकों को संकेत देते हुए कहा कि अगर कोई भाषा को लेकर मराठी का अपमान करता है, तो जवाब मिलना जरूरी है।