Massive Pension Scam in Rajasthan: Over 3.12 Lakh Ineligible Beneficiaries Took ₹318 Crore
राजस्थान में पेंशन घोटाला: मृतकों और पुनर्विवाहित लोगों को मिली ₹318 करोड़ की पेंशन, अब होगी वसूली
AIN NEWS 1: राजस्थान की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। एक हालिया सरकारी ऑडिट में यह खुलासा हुआ है कि राज्यभर में 3.12 लाख ऐसे लोग पेंशन लेते रहे, जो या तो अब इस दुनिया में नहीं हैं या पुनर्विवाह कर चुके हैं। ये दोनों ही स्थितियां योजना की पात्रता को खत्म कर देती हैं, फिर भी इन लोगों के नाम पर कुल 318 करोड़ रुपए की पेंशन निकाल ली गई।
भरतपुर और अन्य जिलों में भारी अनियमितता
भरतपुर जिले में 5044 ऐसे मामलों का पता चला है, जिनमें लगभग 4.30 करोड़ रुपए की रिकवरी होनी है। अभी तक केवल 503 मामलों में लगभग 65 लाख रुपए ही वसूले जा सके हैं। डीग ब्लॉक में 2300 अपात्र लाभार्थी मिले हैं, जिनसे 1.87 करोड़ की राशि वसूल की जानी है, लेकिन केवल 164 लोगों से 23 लाख की ही रिकवरी हो पाई है।
अब जिम्मेदारी बीडीओ और एसडीओ पर
सरकार ने इस फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए जिम्मेदारी ब्लॉक स्तर पर तय कर दी है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) और शहरी क्षेत्रों में एसडीओ (उपखण्ड अधिकारी) को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। अगर कोई मृतक या पुनर्विवाहित व्यक्ति पेंशन ले रहा है, तो संबंधित बैंक को पेंशन रोकने की सूचना दी जाती है और नामित व्यक्ति से राशि की वसूली की जाती है।
एक सिस्टम की विफलता
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोटाला सिर्फ जनता द्वारा नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की निष्क्रियता से भी हुआ है। अगर समय रहते मृत्यु पंजीकरण, पुनर्विवाह की जानकारी और ई-केवाईसी जैसी प्रक्रियाएं पेंशन सिस्टम से जोड़ी गई होतीं, तो ये गड़बड़ियां रोकी जा सकती थीं। अब सरकार ने सभी जरूरी डेटाबेस को लिंक करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
चौंकाने वाले मामले
केस 1: 31 महीने तक मृत महिला के नाम पर आती रही पेंशन
भरतपुर के बसुआ गांव की पुनिया देवी (आवेदन संख्या RJ-A-05427293) की मृत्यु 27 मई 2020 को हो गई थी, लेकिन उनके नाम पर दिसंबर 2022 तक वृद्धावस्था पेंशन खाते में आती रही। इस दौरान लगभग 30 हजार रुपए निकाल लिए गए।
केस 2: एक साल तक जारी रही पेंशन
इसी गांव के भगवान सिंह (आवेदन संख्या RJ-A-11016629) की मृत्यु 4 अप्रैल 2021 को हुई थी, लेकिन जून 2022 तक उनके नाम से पेंशन मिलती रही। इससे लगभग 12 हजार रुपए का नुकसान सरकारी खजाने को हुआ।
टॉप 5 जिले जहां सबसे अधिक फर्जीवाड़ा
जिला फर्जी लाभार्थी पेंशन राशि (₹ करोड़ में)
जयपुर 22,649 24.20
सीकर 17,245 19.80
झुंझुनूं 13,930 16.30
भीलवाड़ा 13,325 12.48
चित्तौड़गढ़ 14,438 10.60
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
अब तक केवल 503 लाभार्थियों से राशि की वसूली हुई है। 755 मामलों में अभी भी कार्रवाई प्रक्रिया में है। विभागीय स्तर पर स्वीकृति देने वाले अधिकारियों को भी वसूली के निर्देश दिए गए हैं।
भरतपुर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी श्यामसुंदर शर्मा के अनुसार, “जिन अधिकारियों ने स्वीकृति दी थी, उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया गया है और उनसे रिकवरी कराने के निर्देश दिए गए हैं।”
असली चुनौती: वसूली कैसे होगी?
सरकार ने प्रयास तो तेज कर दिए हैं, लेकिन असली मुश्किल यह है कि मृत या पुनर्विवाहित लोगों से ली गई पेंशन की राशि कितनी हद तक वसूली जा सकेगी। खासकर जब पैसा नामित व्यक्ति के खाते में जा चुका है या निकाल लिया गया है। अब जरूरत है कि तकनीकी समाधान, जैसे बायोमेट्रिक ई-केवाईसी और मृत्यु रजिस्ट्रेशन का सीधा लिंक पेंशन सिस्टम से जोड़ा जाए ताकि भविष्य में ऐसा न हो।
राजस्थान में उजागर हुआ यह पेंशन घोटाला न सिर्फ सिस्टम की बड़ी चूक को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि तकनीक और निगरानी में चूक से कैसे सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं। अब देखना यह है कि सरकार वाकई सख्ती से वसूली कर पाती है या यह मामला भी धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
In a shocking revelation, a government audit has exposed a massive pension scam in Rajasthan where over 3.12 lakh deceased or remarried individuals illegally received ₹318 crore under the state’s social security pension scheme. The Rajasthan government is now taking action by assigning BDOs and SDOs to recover the funds and terminate fraudulent pensions. This highlights critical failures in monitoring and verification systems, urging urgent reforms in pension distribution protocols across India.