AIN NEWS 1: गाजियाबाद पुलिस ने 31 साल से अपने परिवार से बिछड़े एक युवक को उसके परिजनों से मिलाकर एक अनोखी कहानी को अंजाम दिया है। इस युवक का नाम राजू उर्फ पन्नू है, जो खोड़ा थाना में भटकते हुए पहुंचा। यहां उसने अपनी आपबीती सुनाई और पुलिस ने तत्काल उसे उसके परिवार से मिलाने का प्रयास शुरू किया।
7 साल की उम्र में हुआ था अपहरण
राजू ने बताया कि जब वह सिर्फ 7 साल का था, तब राजस्थान से उसका अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसे बंधक बनाकर दिनभर काम करने पर मजबूर किया। इस दौरान उसके साथ मारपीट की जाती थी और अमानवीय व्यवहार कियाभागकर दिल्ली पहुंचा, पर मदद नहीं मिली
राजू ने बताया कि बंधक स्थिति में कुछ छोटी बच्चियां थीं, जिन्होंने उसकी मदद की। एक दिन उसने साहस दिखाते हुए ट्रक में छिपकर वहां से भागने की योजना बनाई। वह दिल्ली पहुंच गया, लेकिन कई थानों में मदद मांगने के बावजूद कोई सहायता नहीं मिली।
खोड़ा थाने से बदली किस्मत
22 नवंबर को राजू खोड़ा थाने में भटकते हुए पहुंचा। वहां उसने पुलिस को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। उसकी आपबीती सुनने के बाद पुलिस ने उसके परिवार का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की।
31 साल पुरानी गुमशुदगी का केस आया सामने
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि राजू के पिता तुलाराम ने 31 साल पहले साहिबाबाद थाने में उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राजू के परिवार में तीन बहनें भी थीं, जि की उम्मीद नहीं छोड़ ने वर्षों तक पुलिस की मेहनत रंग लाई
एसीपी रजनीश उपाध्याय ने बताया कि राजू का मामला बेहद भावुक और जटिल था। पुलिस ने गहन जांच के बाद राजू को उसके परिवार से मिलाने में सफलता हासिल की। यह घटना न केवल राजू के लिए, बल्कि उसके परिवार के लिए भी एक नई शुरुआत साबित हुई।
एक अनोखी कहानी का सुखद अंत
पुलिस की तत्परता और मेहनत ने राजू की जिंदगी को एक नया मोड़ दिया। इस घटना ने दिखाया कि अगर सही प्रयास किए जाएं, तो वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान भी संभव है।
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