Friday, December 27, 2024

ज्ञानवापी पर बोले रामभद्राचार्य: “रामलला को लाए, अब ज्ञानवापी लाकर दिखाएंगे, जन्मभूमि के दर्शन तभी जब मिलेगी हमारी मांग”?

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1: धर्मगुरु और श्री राम जन्मभूमि के प्रखर समर्थक जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ज्ञानवापी मुद्दे पर Zee News से बातचीत में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह रामलला को अयोध्या लाने का संकल्प पूरा किया गया, उसी तरह ज्ञानवापी का मुद्दा भी सफलतापूर्वक हल किया जाएगा। रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वह राम जन्मभूमि का दर्शन नहीं करेंगे।

ज्ञानवापी और रामभद्राचार्य का दृष्टिकोण

रामभद्राचार्य का कहना है कि “अगर रामलला को अयोध्या में पुनः स्थापित किया जा सकता है, तो ज्ञानवापी के मामले में भी हम सफल होंगे।” उन्होंने इस मुद्दे पर अपने संकल्प और दृढ़ता को व्यक्त करते हुए कहा कि यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का भी प्रश्न है। उनके अनुसार, भारत के सनातन धर्म और संस्कृति से जुड़ी कई धरोहरों को वापस पाने का संघर्ष अब जारी रहेगा।

ज्ञानवापी का ऐतिहासिक महत्व

ज्ञानवापी का मामला लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ है। वाराणसी स्थित यह स्थल काशी विश्वनाथ मंदिर के पास है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कई हिंदू संगठनों का मानना है कि यह स्थान एक मंदिर था जिसे बाद में मस्जिद में बदल दिया गया। इसे लेकर न्यायालय में कई सालों से विवाद चल रहा है और इस मुद्दे पर अभी भी विभिन्न समुदायों के बीच बहस जारी है।

जन्मभूमि दर्शन का संकल्प

रामभद्राचार्य ने इस दौरान कहा कि जब तक ज्ञानवापी के मुद्दे पर न्याय नहीं मिल जाता और इस स्थल को हिंदुओं को नहीं सौंपा जाता, तब तक वह राम जन्मभूमि के दर्शन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह उनकी दृढ़ प्रतिज्ञा है और वे अपने अनुयायियों को भी इस संकल्प को बनाए रखने की प्रेरणा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे, लेकिन अपने धार्मिक अधिकारों की मांग को भी मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।

समर्पित प्रयास का आश्वासन

रामभद्राचार्य का मानना है कि जैसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दृढ़ता से संघर्ष किया गया, वैसे ही ज्ञानवापी के लिए भी समर्पित प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमने रामलला को अयोध्या लाने का संकल्प पूरा किया, अब हम ज्ञानवापी को लाकर दिखाएंगे। यह हमारी संस्कृति और धर्म का मुद्दा है, और इसपर हमारा पूरा अधिकार बनता है।”

हिंदू समाज में संदेश

रामभद्राचार्य ने हिंदू समाज को इस मुद्दे पर एकजुट रहने का आह्वान किया और यह विश्वास जताया कि न्यायालय के निर्णय से उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने धर्म और संस्कृति के प्रति सजग रहें और इस संघर्ष में अपना योगदान दें।

निष्कर्ष: धर्मगुरु रामभद्राचार्य का यह बयान न सिर्फ धार्मिक भावना को उजागर करता है, बल्कि भारतीय समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों के प्रति उनके समर्पण को भी दिखाता है। उनका कहना है कि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना शांत नहीं बैठेंगे, और हिंदू समाज को उनके अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

 

 

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads