AIN NEWS 1: दिल्ली के कांति नगर विस्तार की गली नंबर-2 से एक साथ दो दोस्तो की अर्थियां उठीं तो सभी की आंखें नम हो गईं। पूरे गांधी नगर में दोनों की मौत की काफ़ी चर्चाएं थीं। जिसने भी सुना वह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कांति नगर पहुंच ही गया। वंश और वरुण के शवों को गीता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट में एक साथ दोनो को मुखाग्नि दी गई।परिजनों ने बताया कि बीटेक करने के बाद से ही वंश समाज के लिए कुछ करना चाहता था। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के कांति नगर मंडल का उपाध्यक्ष होने के अलावा आरएसएस से भी जुड़ा हुआ था। अक्सर वह सभी सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेता था। वहीं, वरुण ने भी परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़कर नौकरी करना शुरू कर दी थी। दोनों बचपन से ही दोस्त थे।शाम को अक्सर साथ ही घूमते थे। कुछ सालों से दोनों सोशल मीडिया पर अपनी रील बना रहे थे। दोनों रेलवे ट्रैक के अलावा दूसरे स्थानों पर भी जाकर वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर डालते थे। वंश के इंस्टाग्राम पर ही दो प्रोफाइल थे। एक में तो वह खुद को वीडियो क्रिएटर बताता था, जबकि दूसरे में राजनेता बताकर प्रोफाइल लिखता था।
वरुण के भी मोनू नाम से ही दो प्रोफाइल थे। एक में वह खुद को फोटोग्राफर तो दूसरे में वीडियो क्रिएटर भी बताता था। इनके प्रोफाइल पर रेलवे ट्रैक के पास खींची गई कई फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
वही वंश के पिता ज्योतिष, चलाते हैं उनका खुद का यू-ट्यूब चैनल
वंश के पिता हरविंद्र शर्मा उर्फ हरिहर स्वामी चैतन्य के अलावा मां प्रीति शर्मा व एक छोटा बेटा अंश है। हरविंद्र ज्योतिष हैं और उनका खुद का एक यू-ट्यूब चैनल भी है। वंश की मां भी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है। माता-पिता दोनों बेटों को काफ़ी मेहनत से पढ़ा रहे थे।
परिजनों को पूरी उम्मीद थी कि वंश की इंजीनियरिंग पूरी होगी तो वह नौकरी करेगा और घर के हालात को कुछ बेहतर होंगे, लेकिन सब कुछ खत्म हो गया। वहीं, मोनू के परिवार में पिता राजेश कुमार के अलावा मां आशा देवी भी है, बड़ी बहन मीनू और बड़ा भाई हिमांशु है।राजेश भी प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि हिमांशु व माेनू छोटी-मोटी नौकरी करते थे। बुधवार को जैसे ही मोनू की मां ने बेटे की मौत की खबर सुनी तो वह तो बेहोश हो गई। हादसे के बाद से ही माता-पिता का रोते-रोते बहुत बुरा हाल है।
उन दोनों के मोबाइल में हो सकती है हादसे की वीडियो
हादसे के समय वंश और मोनू दोनों ही अपने-अपने मोबाइल से रेलवे ट्रैक पर रील ही बना रहे थे, दोनों अपनी अपनी विडियो शूट कर रहे थे। इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गए। माना जा रहा है कि हादसे का वीडियो भी इनके मोबाइल में शूट हुआ होगा।
इनके घर से रेलवे ट्रैक महज 200 मीटर दूर
वंश के पड़ोसी भरत भदौरिया ने बताया कि घर से रेलवे ट्रैक महज 200 मीटर दूरी पर ही है, अक्सर हमारे बच्चे रेलवे ट्रैक पर जाकर खेलते हैं। स्थानीय लोगों के अलावा वहां से गुजरने वाले भी बच्चों को ट्रैक से दूर रहने के लिए कहते हैं। वंश और मोनू दोनों को लोग ट्रैक पर वीडियो बनाने के लिए काफ़ी मना करते थे।
हादसे के समय दोनों लड़के मोबाइल से रील बना रहे थे। छानबीन के दौरान ही इसका खुलासा हुआ है। दोनों के मोबाइल बरामद कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।-हरीश एचपी, पुलिस उपायुक्त, रेलवे