AIN NEWS 1: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोटों के चलन को समाप्त करने की घोषणा की थी। अब, 29 नवम्बर 2024 तक इस नोट की स्थिति पर ताजा अपडेट जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2000 रुपये के नोटों की कुल राशि, जो 19 मई 2023 को 3.56 लाख करोड़ रुपये थी, घटकर अब केवल 6839 करोड़ रुपये रह गई है। इसका मतलब है कि 98.08% 2000 रुपये के नोट वापस लिए जा चुके हैं। हालांकि, रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये के नोट अब भी वैध मुद्रा हैं और इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
2000 रुपये के नोटों के वापस लेने की प्रक्रिया
1. आरंभिक घोषणा और कदम:
रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को यह घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोटों को चरणबद्ध तरीके से चलन से बाहर किया जाएगा। इसके साथ ही, आम जनता के पास इन नोटों को जमा करने और बदलवाने की सुविधा प्रदान की गई।
2. बदलाव और जमा करने की सुविधा:
2000 रुपये के नोटों को जमा करने या बदलवाने की सुविधा 7 अक्टूबर 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। इसके बाद, 9 अक्टूबर 2023 से रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों (Issue Offices) में इन नोटों को जमा करने और बदलवाने की सुविधा दी गई। इसके साथ ही, भारत पोस्ट के माध्यम से भी लोग 2000 रुपये के नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करवा सकते हैं।
3. नोटों की वापसी की स्थिति:
19 मई 2023 को 3.56 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट चलन में थे, जो अब घटकर 29 नवम्बर 2024 तक 6839 करोड़ रुपये रह गए हैं। इसका मतलब है कि 98.08% 2000 रुपये के नोट वापस हो चुके हैं और केवल 1.92% नोट अभी भी चलन में हैं।
4. 2000 रुपये के नोटों की वैधता:
रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये के नोट अभी भी पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं। इस समय भी लोग इन्हें लेन-देन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
2000 रुपये के नोटों को लेकर सरकारी निर्णय
रिजर्व बैंक का कहना है कि 2000 रुपये के नोटों के वापसी की प्रक्रिया को धीरे-धीरे और सुव्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। यह निर्णय भारत सरकार की नीति के तहत लिया गया था, ताकि काले धन और जाली नोटों की समस्या को कम किया जा सके। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
2000 रुपये के नोटों का महत्व और भविष्य
2000 रुपये के नोटों को वापसी के बावजूद, उनकी वैधता बनी हुई है। वर्तमान में, 2000 रुपये के नोटों की वापसी की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नोटों का प्रवाह पारदर्शी हो और किसी भी अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2000 रुपये के नोटों के स्थान पर छोटे मूल्यवर्ग के नोटों का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में छोटे लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में डिजिटल भुगतान के माध्यम से लेन-देन में भी तेजी आएगी।
रिजर्व बैंक का बयान
रिजर्व बैंक के प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की प्रक्रिया पूरी तरह से नियंत्रित और व्यवस्थित तरीके से की जा रही है। बैंक ने यह भी कहा कि नोटों को बदलवाने की प्रक्रिया में कोई कठिनाई नहीं आए, इसके लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, रिजर्व बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी लोगों को आसानी से अपने 2000 रुपये के नोट बदलवाने का अवसर मिले।
निष्कर्ष
सारांश रूप में, रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोटों के वापसी की प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है। जहां पहले 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे, अब वे घटकर 6839 करोड़ रुपये रह गए हैं। हालांकि, इन नोटों की वैधता पूरी तरह से बनी हुई है, और लोग इन्हें अपने लेन-देन में इस्तेमाल कर सकते हैं। रिजर्व बैंक का कहना है कि नोटों का चलन व्यवस्थित तरीके से समाप्त किया जा रहा है, और जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
(प्रेस विज्ञप्ति – 2024-2025/1630, पुणीत पंचोली, मुख्य महाप्रबंधक)