Retired Army Colonel Falls Victim to Cyber Fraud in Chandigarh, Two Arrested
चंडीगढ़ में रिटायर्ड आर्मी कर्नल साइबर ठगी का शिकार, 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
AIN NEWS 1: चंडीगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गए। रिटायर्ड कर्नल दलिप सिंह को जालसाजों ने एक झूठी कहानी में फंसा कर न केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि उनके बैंक खाते से 1 करोड़ 5 लाख रुपये भी निकाल लिए। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है।
कैसे हुई यह ठगी?
18 मार्च को कर्नल दलिप सिंह को एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया और कहा कि उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गलत गतिविधि में हुआ है, जिससे उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है।
यह सुनकर कर्नल सिंह घबरा गए। अगले तीन से चार दिनों तक उन्हें लगातार कॉल आते रहे। कॉल करने वाले उन्हें धमकी देते रहे कि यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
‘डिजिटल गिरफ्तारी’ की साजिश
ठगों ने कर्नल सिंह को डिजिटल तरीके से “गिरफ्तार” कर लिया। इसका मतलब यह है कि उन्हें मानसिक रूप से इतना डरा दिया गया कि वे घर से बाहर नहीं निकले, न किसी से संपर्क किया, और लगातार जालसाजों के संपर्क में रहे। ठगों ने उनसे उनके बैंक खाते और संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी मांगी और धीरे-धीरे पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
इस पूरी प्रक्रिया में जालसाजों ने तकनीकी भाषा और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कर्नल सिंह को यकीन दिला दिया कि वे असली अधिकारी हैं और यह सब सरकारी जांच का हिस्सा है।
पुलिस ने क्या किया?
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद, चंडीगढ़ साइबर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। SHO साइबर पुलिस स्टेशन, इंस्पेक्टर रोहिताश कुमार यादव ने बताया कि पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक व्यक्ति वह है जिसके बैंक खाते में कर्नल सिंह के खाते से ट्रांसफर की गई राशि – 1 करोड़ 5 लाख रुपये – पाई गई।
पुलिस ने बताया कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि ऐसी ठगी अब एक संगठित अपराध का रूप ले चुकी है, जिसमें कई लोग मिलकर मासूम लोगों को फंसाते हैं।
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
1. सरकारी अधिकारी कभी फोन पर बैंक जानकारी नहीं मांगते।
अगर कोई खुद को पुलिस, सीबीआई या किसी सरकारी एजेंसी से बताकर बैंक डिटेल मांगे, तो सतर्क हो जाएं।
2. किसी भी कॉल से डरकर तुरंत निर्णय न लें।
ठग अक्सर डर का माहौल बनाते हैं, जिससे लोग सोचने-समझने की शक्ति खो बैठते हैं।
3. संवेदनशील जानकारी किसी को साझा न करें।
बैंक डिटेल, OTP, आधार नंबर आदि हमेशा गोपनीय रखें।
4. साइबर हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर क्राइम की शिकायत 1930 पर कॉल करके या cybercrime.gov.in पर दर्ज कर सकते हैं।
बढ़ते साइबर अपराध पर चिंता
चंडीगढ़ जैसी जगह पर इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि साइबर अपराध अब हर क्षेत्र में फैल चुका है। रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर जैसे शिक्षित और जागरूक लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि इस तरह की ठगी बहुत ही सुनियोजित तरीके से की जा रही है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को इस तरह का कोई कॉल आता है, तो डरें नहीं, बल्कि तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
रिटायर्ड कर्नल दलिप सिंह के साथ हुई इस साइबर ठगी की घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि आम जनता के लिए एक चेतावनी भी है। डिजिटल युग में जहां तकनीक ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं यह अपराधियों के लिए भी एक हथियार बन चुका है।
सभी को सतर्क रहना होगा, जागरूकता बढ़ानी होगी, और ऐसी किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी।
In a shocking cyber crime case from Chandigarh, a retired Army Colonel named Dalip Singh became a victim of a digital arrest scam, where fraudsters extorted over Rs 1 crore from his bank account. This cyber fraud incident involved impersonation and threats of money laundering charges, leading to the illegal transfer of funds. The Chandigarh cyber police have arrested two individuals involved in the scam, including one whose account received the siphoned money. This case highlights the increasing risk of digital scams and the urgent need for cyber awareness among the public.