Sunday, January 5, 2025

रिटायर्ड अफसर निभाएंगे ‘निक्षय मित्र’ की भूमिका, टीबी उन्मूलन में देंगे योगदान, सीएम योगी ने किया सेवानिवृत्त अधिकारियों और शिक्षाविदों से सहयोग का आह्वान?

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AIN NEWS 1 लखनऊ, संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने प्रदेश के सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, कुलपतियों और शिक्षाविदों को ‘निक्षय मित्र’ बनने और टीबी उन्मूलन अभियान में योगदान देने का आह्वान किया। गुरुवार को सीएम ने अपने सरकारी आवास पर इन अधिकारियों और शिक्षाविदों के साथ बैठक कर अभियान को सफल बनाने के लिए उनसे सहयोग मांगा।

सेवानिवृत्त अफसरों और शिक्षाविदों का अनुभव आएगा काम

सीएम योगी ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों और शिक्षाविदों के पास समाज में लंबे समय तक काम करने का अनुभव है। अब वह इस राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बनकर टीबी उन्मूलन में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा दायित्व है कि कोई भी टीबी मरीज उपचार से वंचित न रह जाए। प्रत्येक मरीज को पोषण सहायता मिले और कोई न कोई निक्षय मित्र उनके साथ जुड़कर उन्हें सहारा दे।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाए। इस अभियान का उद्देश्य न केवल टीबी के मरीजों को सही इलाज देना है, बल्कि स्वस्थ लोगों को टीबी से संक्रमित होने से बचाना भी है।

टीबी के खिलाफ यूपी की बड़ी सफलता

टीबी उपचार की सफलता दर: पिछले चार वर्षों में प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर 79% से बढ़कर 92% हो गई है।

ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त: अब तक 1,372 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है।

निक्षय मित्रों की संख्या: प्रदेश में 45,000 से अधिक निक्षय मित्र अब तक टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं।

टीबी मरीजों को आर्थिक सहायता: डीबीटी के माध्यम से 27 लाख टीबी मरीजों के खातों में 775 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है।

लापता रोगियों को खोजने पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि लापता टीबी रोगियों को खोजने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि कोई भी टीबी मरीज बिना इलाज के न छूटे। इसके साथ ही, जनसामान्य को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना भी हमारा प्राथमिक लक्ष्य है।”

सेवानिवृत्त अफसरों ने लिया सहयोग का संकल्प

बैठक में उपस्थित रिटायर्ड अधिकारियों और शिक्षाविदों ने मुख्यमंत्री के आह्वान पर टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी का वादा किया।

पूर्व आईएएस रवीश मिश्रा: “हम निक्षय मित्र के रूप में पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे।”

डॉ. अरविंद दीक्षित, पूर्व कुलपति: “हम टीबी हारेगा, देश जीतेगा का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे।”

पूर्व आईपीएस राजेंद्र पाल सिंह: “डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अधिक से अधिक लोगों तक जागरूकता फैलाएंगे।”

2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। यूपी, जो कि देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीबी उन्मूलन का लक्ष्य 2030 रखा है, लेकिन भारत इसे पांच साल पहले ही हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है।

जन भागीदारी होगी महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने निक्षय मित्र बनने के लिए अधिक से अधिक लोगों को आगे आने की अपील की।

टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने की दिशा में कदम

यह पहल न केवल टीबी रोगियों के जीवन में सुधार लाने की ओर बढ़ा कदम है, बल्कि यह समाज को इस गंभीर बीमारी से मुक्त करने के लिए सामूहिक प्रयास का प्रतीक भी है। सीएम योगी ने कहा कि यह सभी के लिए साझा जिम्मेदारी है कि इस मिशन को सफल बनाया जाए।

मुख्य बातें:

टीबी मुक्त यूपी अभियान में जनजागरूकता और सहयोग बढ़ाने की पहल।

सेवानिवृत्त अफसर और शिक्षाविद टीबी रोगियों की मदद के लिए आगे आए।

मरीजों को गोद लेने, पोषण सहायता और जांच के लिए निक्षय मित्रों की बढ़ती संख्या।

2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिबद्धता।

उत्तर प्रदेश का यह सघन अभियान एक मिसाल बन सकता है, जहां सामूहिक प्रयासों से टीबी जैसी गंभीर बीमारी को हराया जा सकता है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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