AIN NEWS 1: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक यात्री ट्रेन में मिलने वाली चाय के पैकेट पर लगे हलाल सर्टिफिकेशन टैग को लेकर विरोध दर्ज कर रहा है। यात्री का कहना है कि सावन के महीने में ऐसा करना उनकी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। वीडियो में ट्रेन स्टाफ और यात्री के बीच बहस हो रही है, जिसमें स्टाफ यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि चाय वेज है और हलाल सर्टिफिकेशन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
आईआरसीटीसी का स्पष्टीकरण
https://x.com/IRCTCofficial/status/1811694181821100314
आईआरसीटीसी ने इस वीडियो को भ्रामक बताया है और कहा है कि इस पर विश्वास न करें। आईआरसीटीसी का कहना है कि उनके खाद्य पदार्थों को केवल FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) के नियमों का पालन करना होता है। हलाल सर्टिफिकेशन केवल एक मानक है और इसका मतलब यह नहीं है कि चाय नॉनवेज है।
हैलाल सर्टिफिकेशन क्या है?
हैलाल सर्टिफिकेशन का मतलब है कि उत्पाद मुस्लिम धार्मिक मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। खासकर मीट के लिए, जब जानवर को धार्मिक तरीके से हलाल किया जाता है, तब यह सर्टिफिकेशन आवश्यक होता है। लेकिन, चाय जैसी वेज चीजों पर हलाल सर्टिफिकेशन का कोई खास मतलब नहीं है।
चाय पर हलाल सर्टिफिकेशन क्यों?
चाय पर हलाल सर्टिफिकेशन की वजह यह है कि चाय बनाने वाली कंपनी अपने उत्पादों को विदेश में भी निर्यात करती है। इसलिए, सभी उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेशन लगाया जाता है ताकि वे किसी भी विवाद से बच सकें और विभिन्न देशों के मानकों को पूरा कर सकें। भारत में हलाल सर्टिफिकेशन जरूरी नहीं है, लेकिन विदेशी बाजार के लिए यह प्रासंगिक हो सकता है।
https://x.com/DhanrajManora/status/1811693015007920528
इस प्रकार, हलाल सर्टिफिकेशन का चाय के वेज होने से कोई संबंध नहीं है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है।