घर वापसी: प्रेम और आस्था का नया अध्याय
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और फर्रुखाबाद जिलों से दो अलग-अलग लेकिन भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई कहानियाँ सामने आई हैं, जहाँ दो मुस्लिम लड़कियों ने अपनी इच्छा से सनातन धर्म को अपनाया, अपना नाम बदला और फिर अपने प्रेमियों से विवाह कर लिया। ये घटनाएं न सिर्फ सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता और प्रेम की ताकत का प्रतीक भी हैं।
रुमायशा बनी रानी: श्रावस्ती से पीलीभीत तक का सफर
पहली कहानी पीलीभीत की रहने वाली रुमायशा की है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले की निवासी हैं। उन्होंने अपनी इच्छा से सनातन धर्म को अपनाया और अपना नया नाम रानी रखा। इसके बाद उन्होंने अपने प्रेमी के साथ हिन्दू रीति-रिवाजों से विवाह किया।
रानी बताती हैं कि उन्हें हिन्दू धर्म की विचारधारा और जीवनशैली बहुत अच्छी लगी। उन्होंने कहा, “मुझे यहां इन लोगों के साथ अच्छा लगता है। मुझे हिन्दू धर्म समझ में आता है, इसलिए मैंने यह कदम उठाया।”
हालांकि रानी के इस फैसले से उनका परिवार सहमत नहीं था, फिर भी उन्होंने अपने मन की आवाज सुनी और सनातन धर्म में वापसी की।
रानी ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक, हलाला और एक से ज्यादा शादियों जैसी परंपराएं उन्हें स्वीकार्य नहीं थीं। वे कहती हैं, “मुझे यह सब ठीक नहीं लगता था, मैं एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन चाहती थी, जो मुझे सनातन धर्म में मिला।”
अब रानी ने कानूनी सुरक्षा के लिए कोर्ट में अर्जी भी दी है, क्योंकि उन्हें कट्टरपंथी मानसिकता वाले कुछ लोगों से खतरे की आशंका है।
फर्रुखाबाद की सबीना बनीं सुमन: एक नया जीवन साथी, एक नया धर्म
दूसरी कहानी फर्रुखाबाद जिले की सबीना की है, जिन्होंने अब अपना नाम बदलकर सुमन रख लिया है। सबीना ने भी अपनी इच्छा से सनातन धर्म को अपनाया और अपने प्रेमी विजय से हिन्दू रीति से विवाह किया।
सुमन बताती हैं कि उनके पूर्वज हिन्दू थे। उन्होंने कहा, “मेरे दादा और पिता हिन्दू थे। मैं अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर रही हूं, मुझ पर कोई दबाव नहीं है।”
सुमन की पहले शादी हो चुकी थी। छह साल पहले उनका निकाह सद्दाम नामक युवक से हुआ था, जो महाराष्ट्र में काम करता था। लेकिन वह आए दिन सुमन के साथ मारपीट करता था।
इसी दौरान सद्दाम के दोस्त विजय से सुमन की मुलाकात हुई, जो उसी कंपनी में काम करता था। समय के साथ दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और सुमन ने तय किया कि वह सद्दाम की प्रताड़ना से बाहर निकलकर एक नया जीवन शुरू करेंगी।
इसके बाद सुमन विजय के साथ उसके गांव फर्रुखाबाद आ गईं और करीब आठ महीने तक दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहे। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को समझा और अंततः सुमन ने सनातन धर्म अपनाकर विजय से विवाह कर लिया।
धर्म और प्रेम का मेल
इन दोनों कहानियों में एक समानता है – अपने जीवन को लेकर स्पष्ट सोच, प्रेम में आस्था और स्वतंत्र निर्णय लेने का साहस। रुमायशा और सबीना दोनों ने अपने जीवनसाथियों के साथ एक स्थिर, सुरक्षित और धार्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने का निर्णय लिया।
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में धार्मिक स्वतंत्रता संविधान द्वारा दी गई एक बुनियादी अधिकार है, और इन दोनों युवतियों ने उसी अधिकार का प्रयोग करते हुए अपने लिए एक नई राह चुनी है।
Two Muslim women from Uttar Pradesh, Rumaysha and Sabina, have made headlines after embracing Sanatan Dharma and marrying their Hindu partners. In separate incidents in Pilibhit and Farrukhabad, both women changed their names to Rani and Suman respectively, citing their admiration for Hindu values and disillusionment with past experiences. This interfaith conversion and marriage reflect growing trends of individual religious freedom, ghar wapsi movements, and cross-religious love stories in India.