AIN NEWS 1 | रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप इन दिनों एक भीषण प्राकृतिक आपदा का गवाह बन गया है। यहां हाल ही में आए एक शक्तिशाली भूकंप के बाद समुद्र में इतनी बड़ी हलचल मची कि देखते ही देखते सुनामी की खतरनाक लहरें उठ खड़ी हुईं। ये लहरें सिर्फ पानी नहीं थीं, बल्कि अपने साथ तबाही का तूफान लेकर आई थीं।
🚨 BREAKING: Tsunami waves from the 8.7 magnitude earthquake have begun slamming Russia
Buildings are already being swept away
Tsunami waves are also heading to Hawaii, expected to arrives within hours pic.twitter.com/dPg72zln9N
— Nick Sortor (@nicksortor) July 30, 2025
घरों को तिनकों की तरह बहा ले जाना, कारों को उछालकर दूर फेंक देना और ऊंची इमारतों को धूल में मिला देना—ये कोई फिल्मी दृश्य नहीं, बल्कि रूस के नागरिकों की आज की हकीकत बन चुका है। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में आई वीडियो क्लिप्स इस तबाही की भयावहता को साफ दिखाती हैं।
जब भूकंप आया, उस वक्त हर कोई अपनी-अपनी जगह पर मौजूद था—कोई घर में, कोई ऑफिस में, कोई वाहन में, तो कोई बाजार में। लेकिन जब ज़मीन कांपी और समुद्र गरजा, तो हर कोई एक ही बात सोच रहा था—कैसे भी जान बचाई जाए।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि समुद्र का पानी इतनी तेजी से ज़मीन की ओर बढ़ रहा है मानो नदी की धारा उलटी चल पड़ी हो। कई मकान तो चंद मिनटों में ही पानी में समा गए। कारें बह गईं और कुछ इमारतें लहरों के साथ गिरती नजर आईं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुनामी की लहरें करीब 4 मीटर (लगभग 13 फीट) तक ऊंची थीं। ऐसे में कई तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। लोगों की जान बचाने के लिए तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। भूकंप के झटके इतने तेज़ थे कि लोगों ने बिना समय गंवाए अपने घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया।
रूस सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने तुरंत कमचटका प्रायद्वीप के आस-पास के इलाकों में लोगों को खाली कराने का आदेश दिया। उन्हें ऊंचाई वाले स्थानों या सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया। तटीय क्षेत्रों के सभी स्कूल, दफ्तर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
भूकंप के बाद केवल रूस ही नहीं, बल्कि पूरा प्रशांत महासागर क्षेत्र सतर्क हो गया है। चीन, पेरू, इक्वाडोर, जापान, अमेरिका (हवाई और अलास्का), ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य प्रशांत द्वीपों में भी सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक क्षेत्रीय संकट बन सकता है, जिसका प्रभाव कई देशों पर पड़ सकता है।
चीन के पूर्वी तटीय क्षेत्र विशेष रूप से खतरे में बताए जा रहे हैं। वहां के अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बना रहे हैं। कई देशों ने अपने नागरिकों को अलर्ट मोड पर रखा है और समुद्री गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
रूस के नागरिकों ने जो अनुभव किया, वह शायद ही कभी भुलाया जा सके। जिन लोगों ने यह सब अपनी आंखों से देखा है, वे आज भी दहशत और सदमे में हैं। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है और लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों की कुशलता की जानकारी लेने में लगे हुए हैं।
कामचटका प्रायद्वीप वैसे तो ज्वालामुखीय गतिविधियों और भूकंपों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार की सुनामी ने इसकी भयावहता को नए स्तर पर पहुंचा दिया। मौसम और भूकंप विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यदि इस इलाके में ऐसी गतिविधियां बढ़ती रहीं, तो भविष्य में इससे भी बड़े संकट सामने आ सकते हैं।
रूस सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए इमरजेंसी टास्क फोर्स गठित कर दी है। राहत सामग्री भेजी जा रही है, खाने-पीने का सामान, मेडिकल सहायता और अस्थायी आवास की व्यवस्था की जा रही है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से दूर रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
इस पूरे हादसे ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाएं जब आती हैं, तो वे किसी की नहीं सुनतीं। हमें इनके प्रति जागरूक रहना होगा, समय रहते तैयारी करनी होगी और वैज्ञानिक चेतावनियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
A powerful earthquake struck Russia’s Kamchatka Peninsula, causing a destructive tsunami that washed away houses, flipped cars, and toppled buildings. Viral videos show the sheer force of water as it surged inland, prompting immediate evacuation orders. Tsunami warnings were issued across the Pacific Ocean, including China, Peru, Ecuador, Japan, the U.S. (Hawaii and Alaska), Australia, and New Zealand. This natural disaster in Russia has once again highlighted the urgency of global preparedness and rapid response systems.