AIN NEWS 1 | लगभग साढ़े तीन वर्षों से जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। 20 जुलाई 2025 को रूस ने एक महत्वपूर्ण संकेत देते हुए शांति वार्ता के लिए दरवाज़ा खोलने की बात कही है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं — लेकिन एक शर्त के साथ।
रूस की ओर से शांति वार्ता की पेशकश
रूसी सरकार के अनुसार, शांति की ओर यह पहल उनके घोषित लक्ष्यों से समझौता किए बिना होगी। दिमित्री पेसकोव ने कहा:
“राष्ट्रपति पुतिन पहले भी कई बार यूक्रेन के साथ समझौते को शांति और संवाद से सुलझाने की इच्छा जता चुके हैं। लेकिन यह एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है, जिसमें समय और गंभीर प्रयास की ज़रूरत है।”
पेसकोव ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस के लिए सबसे अहम बात अपने घोषित उद्देश्यों की प्राप्ति है — और वो इससे पीछे नहीं हटेंगे। यानी, शांति वार्ता की टेबल पर बैठने की बात जरूर है, लेकिन रूस अपनी “रणनीतिक प्राथमिकताओं” को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा।
डोनाल्ड ट्रंप पर भी दिया बयान
अमेरिकी राजनीति के संदर्भ में भी पेसकोव का बयान खास रहा। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर कहा:
“दुनिया अब ट्रंप के कभी-कभी तीखे और बेवजह के बयानों की आदी हो चुकी है, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते को लेकर पूरी तरह गंभीर और प्रतिबद्ध हैं।”
पेसकोव के इस बयान से यह इशारा भी मिलता है कि रूस अमेरिका के रुख को हल्के में नहीं ले रहा, बल्कि उसकी नीतियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है।
नए दौर की वार्ता पर क्या है स्थिति?
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब जून 2025 की शुरुआत में शांति वार्ता टूटने के बाद, अब एक नए दौर की बातचीत की तैयारी चल रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि अगले सप्ताह रूस के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है।
यूक्रेन की सुरक्षा परिषद के सचिव रुस्तम उमरोव ने कहा कि आने वाले सप्ताह में रूस के प्रतिनिधियों से संभावित वार्ता हो सकती है और दोनों पक्ष बातचीत को फिर से शुरू करने के इच्छुक हैं। जेलेंस्की ने इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने की बात भी कही है।
अमेरिका की धमकी के बाद बदला माहौल?
शांति वार्ता के इस बदले हुए माहौल के पीछे अमेरिका की हालिया सख्त रणनीति भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। 14 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन के लिए अतिरिक्त सैन्य सहायता भेजने की घोषणा की थी।
साथ ही, ट्रंप ने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि रूस आगामी 50 दिनों में शांति समझौते पर आगे नहीं बढ़ता, तो अमेरिका उन देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा जो रूस से आयात करते हैं।
इस कदम ने रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को और बढ़ा दिया है। रूस की तरफ से वार्ता की पेशकश को उसी दबाव की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
क्या अब युद्ध रुकेगा?
हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगा कि युद्ध अब थम जाएगा, लेकिन रूस की तरफ से यह पहल एक सकारात्मक संकेत जरूर है। अब यह देखना अहम होगा कि यूक्रेन इस पेशकश को किस रूप में स्वीकार करता है और वार्ता की मेज़ पर कौन सी शर्तें सामने आती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका और यूरोप दोनों, रूस और यूक्रेन पर कूटनीतिक दबाव बनाए रखें, तो कुछ सकारात्मक परिणाम निकल सकते हैं।
In a major development in the ongoing Russia-Ukraine war, Russian President Vladimir Putin has expressed readiness for peace talks with Ukraine, provided that Russia’s core objectives remain intact. Kremlin spokesman Dmitry Peskov confirmed that while Russia seeks a peaceful resolution, it is not ready to compromise on strategic goals. This comes as the US, under President Donald Trump, increases pressure on Russia with new sanctions and military aid to Ukraine. The proposed new round of peace talks marks a critical shift in global diplomatic efforts to end the war that began in 2022.