Friday, December 27, 2024

रूस के राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा बयान: भारत अब वैश्विक महाशक्ति, दुनिया की सुपरपावर सूची में होनी चाहिए जगह?

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AIN NEWS 1: रूस  के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की वैश्विक स्थिति पर बड़ा बयान देते हुए इसे “सुपरपावर” का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अब एक ऐसी शक्ति बन चुका है जिसे वैश्विक महाशक्तियों की सूची में स्थान मिलना चाहिए। पुतिन ने भारत की प्रगति और प्रभाव को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं, जो भारत की बढ़ती हुई भूमिका और विश्व मंच पर उसके असर को स्पष्ट करती हैं।

पुतिन ने भारत की प्रशंसा में कही ये बातें:

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत न केवल रक्षा क्षेत्र में अपने पैरों पर खड़ा है, बल्कि रूस के साथ मिलकर हथियारों का उत्पादन भी कर रहा है। उन्होंने बताया कि रूस और भारत के बीच सहयोग केवल हथियारों की खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देश मिलकर उनके डिजाइन और निर्माण में भी भागीदारी निभाते हैं। यह साझेदारी भारत की सैन्य ताकत को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसके आत्मनिर्भरता के सफर में भी अहम भूमिका निभा रही है।

भारत और रूस का मजबूत रिश्ता:

भारत और रूस का रिश्ता कई दशकों पुराना है और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग इस संबंध को और भी मजबूत बनाता है। रूस हमेशा से भारत का एक भरोसेमंद साझेदार रहा है, विशेष रूप से रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने तकनीकी, अंतरिक्ष, और साइबर सुरक्षा जैसे नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाया है। इस आपसी सहयोग के चलते भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने में तेजी मिली है।

भारत की वैश्विक ताकत का बढ़ता प्रभाव:

पुतिन के अनुसार, भारत केवल दक्षिण एशिया में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चाहे वह संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर अपनी सक्रियता हो या वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसका योगदान, भारत का प्रभाव हर क्षेत्र में दिख रहा है। भारत की विशाल आबादी, तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा उसे वैश्विक नेतृत्व में शामिल करने योग्य बनाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती मांग:

पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत कर रहा है और वैश्विक मुद्दों पर अपना स्वतंत्र रुख बनाए रखता है। भारत ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और वैश्विक व्यापार जैसे मामलों पर भी अपना योगदान दिया है। हाल के वर्षों में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई मुद्दों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और विश्व शांति में भी अपना योगदान दिया है।

निष्कर्ष:

रूस के राष्ट्रपति का यह बयान भारत के लिए एक सम्मान की बात है और वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती हुई शक्ति को मान्यता देने का संकेत है। यह दर्शाता है कि भारत एक मजबूत, आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में उभर रहा है जो आने वाले समय में वैश्विक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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