Why Saif Ali Khan Lost ₹15,000 Crore Property | Enemy Property Law Explained
सैफ अली खान को 15,000 करोड़ की विरासत से हाथ धोना पड़ा, जानिए क्यों हुई ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित
AIN NEWS 1: बॉलीवुड के ‘छोटे नवाब’ कहे जाने वाले सैफ अली खान इन दिनों एक बड़ी कानूनी मुश्किल में फंस गए हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक फैसले ने उनकी लगभग 15,000 करोड़ रुपये की विरासत पर खतरा खड़ा कर दिया है। ये संपत्तियां अब भारत सरकार द्वारा ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित की जा रही हैं।
क्या है मामला?
सैफ अली खान का ताल्लुक पटौदी और भोपाल की नवाबी रियासत से रहा है। उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी खुद भोपाल नवाब के वंशज थे और भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान भी। 2011 में मंसूर अली खान के निधन के बाद सैफ को पारिवारिक विरासत मिली थी, लेकिन अब उसी पर संकट मंडरा रहा है।
कोर्ट ने क्यों दिया झटका?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें सैफ और उनके परिवार को भोपाल रियासत की संपत्ति का वैध वारिस माना गया था। हाई कोर्ट के अनुसार, सैफ की पैतृक संपत्ति में एक ऐसी कड़ी है जो शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत आती है।
शत्रु संपत्ति क्या होती है?
शत्रु संपत्ति अधिनियम (Enemy Property Act) के अनुसार, भारत के विभाजन के समय यदि कोई व्यक्ति पाकिस्तान या चीन चला गया हो, तो भारत में उसकी संपत्ति को भारत सरकार अपने अधिकार में ले सकती है। ऐसी संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ कहा जाता है।
कौन थे जो पाकिस्तान गए?
भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 के दशक में पाकिस्तान चली गई थीं और वहां की नागरिक बन गई थीं। भारत सरकार का दावा है कि हमीदुल्लाह खान की वैधानिक उत्तराधिकारी वही थीं, न कि उनकी छोटी बेटी साजिदा सुल्तान, जिनसे सैफ का संबंध है।
किस आधार पर सरकार ने कार्रवाई की?
भारत सरकार का तर्क है कि चूंकि आबिदा सुल्तान कानूनी उत्तराधिकारी थीं और उन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी, इसलिए उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति के तहत जब्त किया जा सकता है। जबकि सैफ के परिवार की दलील रही है कि तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा 1960 में उनकी दादी साजिदा सुल्तान को संपत्ति का वैध वारिस घोषित किया गया था।
कौन-कौन सी हैं सैफ की संपत्तियां?
सैफ अली खान के परिवार के पास भोपाल और उसके आस-पास हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिनमें शामिल हैं:
फ्लैग स्टाफ हाउस – सैफ का बचपन इसी घर में बीता था।
नूर-उस-सबा पैलेस – 7 एकड़ में फैला ऐतिहासिक पैलेस जो अब एक होटल है।
दार-उस-सलाम
हबीबी का बंगला
अहमदाबाद पैलेस
कोहेफिजा संपत्ति
इन सभी संपत्तियों को अब सरकार जब्त कर सकती है।
इतिहास की एक झलक
1920 में बेगम सुल्तान जहां ने नूर-उस-सबा पैलेस का निर्माण करवाया था। यह पैलेस आज भी अपनी भव्यता और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसी प्रकार फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ का बचपन बीता, पटौदी परिवार की विरासत का प्रमुख हिस्सा रहा है।
अब क्या होगा आगे?
फैसले के बाद अगर सरकार इन संपत्तियों को आधिकारिक रूप से शत्रु संपत्ति घोषित कर देती है, तो सैफ अली खान का इन पर से मालिकाना हक खत्म हो सकता है। हालांकि, सैफ और उनके वकील इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
इस फैसले ने न सिर्फ सैफ अली खान की निजी संपत्ति को प्रभावित किया है, बल्कि देशभर में ऐसे तमाम मामलों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है जो विभाजन के दौर से जुड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में यह केस भारत के ‘शत्रु संपत्ति कानून’ के क्रियान्वयन और उसकी व्याख्या के लिहाज़ से एक नज़ीर बन सकता है।
Bollywood actor Saif Ali Khan, known as the ‘Chhote Nawab’, is facing a major property setback due to the Enemy Property Act. The Madhya Pradesh High Court has overturned an earlier ruling that recognized him as a legal heir to his ancestral assets in Bhopal. Properties worth ₹15,000 crore, including the famous Noor-us-Sabah Palace, Flag Staff House, and other royal estates, may now be seized by the Indian government as his ancestor Abida Sultan had migrated to Pakistan during partition.