AIN NEWS 1 | पूर्व भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे से इस्तीफा दे दिया। इसके तुरंत बाद वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। उनके साथ ही टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया भी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
विनेश फोगाट का इस्तीफा
विनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “भारतीय रेलवे की सेवा करना मेरे जीवन का एक यादगार और गर्व से भरा समय रहा। मैंने अब रेलवे की सेवा से खुद को अलग करने का फैसला लिया है और संबंधित अधिकारियों को अपना इस्तीफा भेज दिया है। मैं सदैव भारतीय रेलवे परिवार की आभारी रहूंगी, जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।”
विनेश ने इससे पहले पेरिस ओलंपिक में 50 किलो वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से ठीक पहले अयोग्य करार दिए जाने के कारण कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी। उनकी अपील को खेल पंचाट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा।
बजरंग पूनिया और विनेश की राजनीतिक एंट्री
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनेश को दादरी से टिकट दिया जा सकता है, जबकि बजरंग को किसी जाट बहुल सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
साक्षी मलिक का बयान
#WATCH | On Bajrang Punia & Vinesh Phogat, wrestler Sakshee Malikkh says, "…It is their personal choice to join the party. I believe that we should make sacrifices. Our agitation, the fight for women should not be given a wrong impression…From my end, the agitation… pic.twitter.com/hdnlnXKqzD
— ANI (@ANI) September 6, 2024
इस बीच, रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का भी बयान सामने आया है। उन्होंने बजरंग और विनेश की राजनीति में एंट्री पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मुझे भी राजनीति में शामिल होने के लिए ऑफर मिला था, लेकिन मैंने उसे स्वीकार नहीं किया।” साक्षी ने अपने बयान में संकेत दिया कि उन्होंने फिलहाल राजनीति से दूरी बनाए रखी है।
बीजेपी नेता अनिल विज का तंज
हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने विनेश फोगाट पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर विनेश देश की बेटी से कांग्रेस की बेटी बनना चाहती है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।” उन्होंने पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का भी जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के उकसावे के कारण ही ये आंदोलन हुए थे, नहीं तो इसका समाधान पहले ही हो जाता।
इस प्रकार, भारतीय कुश्ती के ये बड़े नाम अब राजनीति में अपने नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं, और आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।