Sambhal CO Anuj Chaudhary’s Clean Chit Cancelled, UP Government Orders Reinvestigation
सीओ संभल अनुज चौधरी को मिली क्लीन चिट निरस्त, यूपी सरकार ने दिए दोबारा जांच के आदेश
AIN NEWS 1 संभल, उत्तर प्रदेश — उत्तर प्रदेश सरकार ने सीओ संभल अनुज चौधरी को पहले दी गई क्लीन चिट को निरस्त कर दिया है और मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। यह निर्णय आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के आधार पर लिया गया है।
क्या है मामला?
अमिताभ ठाकुर ने सीओ अनुज चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार चौधरी ने सेवा नियमों का उल्लंघन किया, बिना अधिकृत पद के सार्वजनिक बयान दिए और अपने पुलिसिंग कार्यों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चौधरी की कार्यशैली के कारण समाज में तनाव बढ़ा और एक विशेष समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा हुई।
पहली जांच में क्या हुआ था?
इससे पहले एएसपी संभल श्रीश चंद्र की देखरेख में जांच हुई थी, जिसमें आरोपों के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं पाए गए थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि जुमा अलविदा, होली और ईद जैसे बड़े त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हुए, जिससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं था। इस आधार पर सीओ को क्लीन चिट दे दी गई थी और मामला बंद कर दिया गया था।
अब क्यों हुई पुनः जांच की आवश्यकता?
अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया में उन्हें बयान और सबूत प्रस्तुत करने का मौका नहीं दिया गया, जो कि शासनादेशों का उल्लंघन है। उन्होंने इस प्रक्रिया को अनुचित और पक्षपाती बताया।
इस पत्र के बाद शासन ने दोबारा जांच का आदेश दिया और एएसपी श्रीश चंद्र को निर्देशित किया कि वे शिकायतकर्ता को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दें। इसके तहत ठाकुर को तीन दिन का समय दिया गया, जिसमें वे अपने सभी साक्ष्य और बयान प्रस्तुत कर सकते हैं।
सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रदेश सरकार ने अब पहले की क्लीन चिट को निरस्त कर, नए सिरे से जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए अमिताभ ठाकुर से लिखित और प्रमाणित साक्ष्य मांगे गए हैं। उन्हें 5 मई तक का समय दिया गया है ताकि वे अपने दावों के समर्थन में ठोस प्रमाण प्रस्तुत कर सकें।
क्या बोले अधिकारी?
अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने कहा कि पुनः जांच के आदेश मिलने के बाद शिकायतकर्ता से तीन दिन में साक्ष्य मांगे गए थे, लेकिन ठाकुर ने अधिक समय की मांग करते हुए 5 मई तक का समय लिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब जांच में केवल पहले के नहीं बल्कि ठाकुर द्वारा नए सिरे से दिए गए साक्ष्य भी शामिल किए जाएंगे।
आगे क्या?
5 मई के बाद दिए गए साक्ष्यों और बयानों के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यदि साक्ष्य पुख्ता पाए जाते हैं, तो अनुज चौधरी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यदि नहीं, तो उन्हें दोबारा क्लीन चिट मिल सकती है।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही यह भी दिखाया है कि किसी भी सरकारी जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता और सभी पक्षों को सुनने की अनिवार्यता कितनी आवश्यक है।
The Uttar Pradesh government has revoked the clean chit previously given to Sambhal Circle Officer (CO) Anuj Chaudhary and has initiated a fresh investigation following allegations made by Azad Adhikar Sena’s national president Amitabh Thakur. The accusations include violations of service conduct rules, unauthorized public statements, and communal bias in policing. The move underscores the importance of transparency and accountability within the UP Police and highlights growing public scrutiny on administrative conduct.