संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अखिलेश ने इसे “जानबूझकर कराया गया दंगा” बताया और कहा कि पुलिस की गोली से लोगों की मौत हुई है। उन्होंने इस घटना को चुनावी धांधली से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया।
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Toggle“सर्वे का पहले सहयोग किया, अब हिंसा कराई गई”
अखिलेश यादव ने कहा कि जब पहली बार मस्जिद में सर्वे हुआ था, तब शांति रही और पूरी तरह सहयोग किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि साबरमती जैसी घटनाओं को दोहराने के लिए यह हिंसा कराई गई।
“चुनावी धांधली से ध्यान हटाने के लिए भाजपा ने यह सब किया। पुलिस ने नमाज पढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई और अचानक रात में कहा गया कि सुबह फिर से सर्वे होगा।”
“भाजपा की बात मानोगे तो गड्ढे में गिरोगे”
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा लगातार मुसलमानों को निशाना बना रही है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी केवल खानापूर्ति करने का आरोप लगाया।
“अगर आप भाजपा की बात मानोगे, तो गड्ढे में गिरोगे। वे पहले अन्याय करते हैं और अगर आप विरोध करें, तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।”
जियाउर्रहमान बर्क पर एफआईआर का मुद्दा
अखिलेश यादव ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर दर्ज एफआईआर को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बर्क साहब संभल में मौजूद नहीं थे, फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस अधिकारियों का यह रवैया दिखाता है कि वे किसके इशारे पर काम कर रहे हैं।”
राम गोपाल यादव ने की हत्या का मामला दर्ज करने की मांग
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने हिंसा में हुई मौतों के लिए जिलाधिकारी और एसपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा:
“हमारी मांग है कि गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए।”
निष्कर्ष
अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ने संभल हिंसा को लेकर सरकार और प्रशासन पर तीखे आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे सोची-समझी साजिश करार देते हुए न्याय की मांग की है।