AIN NEWS 1: अब भारतीय नोटों पर आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का हस्ताक्षर होगा। यह बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर के पद पर संजय मल्होत्रा की नियुक्ति के कारण हो रहा है। आइए जानते हैं इस बदलाव के पीछे की पूरी कहानी और संजय मल्होत्रा के बारे में कुछ अहम जानकारी।
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति
हाल ही में केंद्र सरकार ने संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया है। वे बीकानेर, राजस्थान के निवासी हैं। संजय मल्होत्रा को 11 दिसंबर 2024 से आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने का अवसर मिला है। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा की गई थी।
कौन हैं संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा, राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर से की और बाद में कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। संजय मल्होत्रा ने अपने करियर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे चित्तौड़गढ़ के कलेक्टर, अजमेर के एसडीओ और अलवर के यूआईटी सचिव रह चुके हैं।
पूर्व गवर्नर का कार्यकाल समाप्त
आरबीआई के मौजूदा गवर्नर, डॉ. शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गया। डॉ. दास भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक गवर्नर के पद पर रहने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। उनके बाद अब संजय मल्होत्रा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
काफी अनुभव है संजय मल्होत्रा के पास
संजय मल्होत्रा ने अपने करियर में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव और वित्तीय सेवा विभाग में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वे भारतीय सरकार के वित्तीय मामलों का गहरा अनुभव रखते हैं, जो उनके लिए आरबीआई के गवर्नर के रूप में काम करने में सहायक होगा।
आरबीआई गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा का कार्यकाल
अब जब संजय मल्होत्रा आरबीआई गवर्नर बन गए हैं, तो उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। इसमें क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल करेंसी, बैंकिंग क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल जैसी नई तकनीकों का प्रभाव रहेगा। हालांकि, महंगाई पर काबू पाना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना आरबीआई का प्रमुख उद्देश्य रहेगा।
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति के बाद भारतीय नोटों पर उनके हस्ताक्षर देखने को मिलेंगे, जो देश की मुद्रा और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को दर्शाएंगे।