AIN NEWS 1: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर बीड जिले में हुई संतोष देशमुख की हत्या और उसके बाद राज्य भर में हो रहे प्रदर्शन को लेकर चिंता जताई है। पवार ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रदर्शन कर रहे जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
क्या है पूरा मामला?
बीड जिले में हाल ही में संतोष देशमुख की हत्या हुई, जिसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का केंद्र बन गया है। संतोष देशमुख, जो एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय जनप्रतिनिधि थे, उनकी हत्या के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस घटना के पीछे संगठित आपराधिक साजिश हो सकती है। वहीं, इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
शरद पवार का पत्र
शरद पवार ने अपने पत्र में कहा कि संतोष देशमुख की हत्या के बाद उत्पन्न स्थिति से राज्य का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
पवार ने लिखा, “इस घटना के कारण जनता में गहरा आक्रोश है। जो जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले में आवाज उठा रहे हैं, उन्हें धमकियां मिल रही हैं। ऐसे में यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”
मांगें
1. इस मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच कर दोषियों को जल्द सजा दी जाए।
2. प्रदर्शन में शामिल जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
3. राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाए।
सरकार की भूमिका पर सवाल
पवार ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो राज्य में जनता का भरोसा कम हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
मुख्यमंत्री से अपेक्षा
पवार ने मुख्यमंत्री फडणवीस से आग्रह किया कि वे इस संवेदनशील मामले को प्राथमिकता दें और व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी करें। उन्होंने राज्य में शांति बनाए रखने और जनता के विश्वास को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।
इस मामले ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री फडणवीस और उनकी सरकार इस चुनौती से कैसे निपटते हैं।