AIN NEWS 1: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के मामले में प्रमुख आरोपी, मूर्तिकार जयदीप आप्टे को पुलिस ने 4 सितंबर को देर रात गिरफ्तार कर लिया। आप्टे 26 अगस्त को प्रतिमा गिरने के बाद से फरार था। उसे ठाणे से सिंधुदुर्ग लाया गया है, जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
इस मामले में पुलिस ने पहले ही ठेकेदार और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को 30 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। पाटिल और आप्टे दोनों कोल्हापुर के निवासी हैं। पुलिस का कहना है कि आप्टे को कल्याण में उसके घर पर ही पकड़ा गया, जबकि उसके वकील गणेश सोवानी ने दावा किया कि आप्टे ने खुद ही सरेंडर किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और आरोप
शिवसेना (UBT) ने आप्टे की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना (UBT) नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि आप्टे कोई अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं था, फिर भी उसकी गिरफ्तारी में इतनी देर क्यों लगी? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर मामले को लटकाए रखा।
भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने जवाब देते हुए कहा कि पुलिस ने समय जरूर लिया, लेकिन अंततः काम कर दिखाया। उन्होंने विपक्ष को इस मामले पर चुप रहने की सलाह दी और कहा कि पुलिस ने अपना काम किया है। शिवसेना (UBT) ने पहले आरोप लगाया था कि आप्टे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे का दोस्त है, और इसलिए सरकार उसे बचाने की कोशिश कर रही है।
वित्तीय और तकनीकी आरोप
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा निर्माण पर केवल 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि इस काम के लिए 236 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। उन्होंने इस भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।
जयदीप आप्टे पर आरोप है कि उसने पहले कभी इतनी बड़ी मूर्ति का निर्माण नहीं किया था। वह सामान्यत: 2 फीट ऊंची मूर्तियां ही बनाता था, फिर भी उसने 35 फीट ऊंची प्रतिमा का कॉन्ट्रैक्ट लिया।
अनुमोदन और निर्माण की प्रक्रिया
महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर राजीव मिश्रा ने बताया कि उन्होंने केवल 6 फीट ऊंची मूर्ति लगाने की अनुमति दी थी। मूर्तिकार ने मिट्टी का मॉडल दिखाकर अनुमति ली थी, लेकिन बाद में मूर्ति की ऊंचाई बढ़ा दी गई और इसमें स्टील की प्लेट का उपयोग किया गया।
स्टेट PWD ने नौसेना को 2.44 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके बाद नौसेना ने मूर्तिकार और सलाहकार नियुक्त किए और डिजाइन को कला निदेशालय के पास मंजूरी के लिए भेजा। इसके बाद ऊंचाई बढ़ा दी गई होगी।
घटनाक्रम की समयरेखा
– 26 अगस्त 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिर गई। सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में इस घटना की एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें जयदीप आप्टे को आरोपी बनाया गया।
– 28 अगस्त 2024: डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी।
– 29 अगस्त 2024: सीएम एकनाथ शिंदे ने भी माफी मांगी और प्रतिमा को फिर से बनाने की बात कही।
– 30 अगस्त 2024: पुलिस ने प्रतिमा के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया।
– 1 सितंबर 2024: महाविकास अघाड़ी ने मुंबई में प्रदर्शन किया, जिसे ‘जोड़े मारो (जूता मारो)’ आंदोलन नाम दिया गया।
– 4 सितंबर 2024: जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी की खबर आई।
इस पूरे घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति और प्रशासन में हलचल मचा दी है। पुलिस, विपक्षी दल और सरकार सभी इस मामले पर अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं।