AIN NEWS 1 | भारत में बीते कुछ बरसों में विदेशी निवेश में तेज इजाफा हुआ है। प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी PLI जैसी स्कीम्स के आने के बाद तो भारत में दुनिया की नामचीन कंपनियों ने निवेश का एलान किया है। लेकिन अब भारत से ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI पर एक दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई है। CII और ब्रिटेन में भारत के उच्चायोग की संयुक्त रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि ब्रिटेन में भारत से FDI के मामले में महाराष्ट्र टॉप पर रहा है और इस राज्य में हेडऑफिस रखने वाली कंपनियों की ब्रिटेन में भारत से गए FDI में 20 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रही है। वहीं दूसरे नंबर पर 12 परसेंट के साथ कर्नाटक और ब्रिटेन में 8.6 परसेंट FDI के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश सातवें नंबर पर मौजूद
इस रिपोर्ट में रकम के हिसाब से तो कुल FDI की जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन इसमें इतना जरुर बताया गया है कि भारत से ब्रिटेन में कुल FDI में टॉप-10 राज्यों की 78 फीसदी हिस्सेदारी रही है। टॉप-10 के बाकी राज्यों में 7.1 फीसदी के साथ गुजरात चौथे नंबर पर, 6.7 परसेंट के साथ तमिलनाडु पांचवें स्थान पर, साढ़े 6 प्रतिशत के साथ तेलंगाना छठी पोजीशन पर, 5.9 फीसदी के साथ उत्तर प्रदेश सातवें नंबर पर, साढ़े 4 परसेंट के साथ हरियाणा आठवें स्थान पर, 3.14 फीसदी के साथ बंगाल नवीं पोजीशन पर और 3.05 परसेंट के साथ केरल 10वें नंबर पर शामिल है।
IT-साफ्टवेयर में सबसे ज्यादा निवेश
भारत की कंपनियां ब्रिटेन में सबसे ज्यादा निवेश IT और साफ्टवेयर सेक्टर में करती हैं। हालांकि भारतीय कंपनियों का निवेश कई सेक्टर्स तक फैला हुआ है जिससे देसी कंपनियों ने वहां के ज्यादातर प्रमुख सेक्टर्स में अपनी बेहतरीन साख बनाई है।
अब ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों का अच्छा खासा योगदान है। भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करके उनके इनोवेशन का ब्रिटिश उद्योग जगत को काफी फायदा मिल रहा है। इससे वहां पर निवेश के साथ ही रोजगार के मौके भी पैदा हो रहे हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बीते साल ब्रिटेन के स्टूडेंट वीजा में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ नए भारतीय छात्रों ने कुल मिलाकर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में अनुमानित 4.3 अरब पाउंड का योगदान दिया है। यानी वहां के एजुकेशन सेक्टर को रफ्तार देने में भी भारत का योगदान लगातार बढ़ रहा है।