AIN NEWS 1 पुणे, महाराष्ट्र: पुणे के सात प्रमुख गणेश मंडल गणेशोत्सव को कश्मीर घाटी में मनाने के लिए एकजुट हो गए हैं। यह जानकारी पुथन भालान, भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल के ट्रस्टी ने दी। उन्होंने कहा कि “सभी पुणे के मंडल एक साथ आए और इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया। कई लोगों ने इस फैसले पर हंसी उड़ाई और इसके महत्व पर सवाल उठाए। लेकिन पुणे का गणेशोत्सव केवल पुणे तक सीमित नहीं है, इसे पूरे देश और विदेशों में भी मनाया जाता है। तो फिर गणेशोत्सव कश्मीर में क्यों नहीं मनाया जा सकता?”
Pune, Maharashtra: Seven prominent Ganesh Mandals from Pune have come together to celebrate Ganeshotsav in the valleys of Kashmir.
Punit Balan, Trustee of the Bhausaheb Rangari Ganpati Mandal, says, "… All the mandals of Pune came together and announced this in a press… pic.twitter.com/91Ysx1lMhp
— ANI (@ANI) August 31, 2024
पिछले साल, गणेशोत्सव 39 साल बाद कश्मीर घाटी में मनाया गया था, जब से वहां आतंकवाद की शुरूआत हुई थी। इस साल, पुणे से तीन गणपति की प्रतिमाएं श्रीनगर, कुपवाड़ा और अनंतनाग भेजी जा रही हैं।
भालान ने आगे बताया कि इस कदम का उद्देश्य केवल कश्मीर घाटी में गणेशोत्सव की खुशियों को फैलाना नहीं है, बल्कि यह भी है कि समाज को एकजुट किया जा सके और शांति का संदेश फैलाया जा सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुणे के गणेशोत्सव की परंपरा और उसकी भव्यता अब केवल पुणे तक सीमित नहीं रही। यह परंपरा और त्योहार अब पूरे देश में मनाया जा रहा है और यह समय है कि इसे कश्मीर में भी मनाया जाए।
इस पहल को लेकर कई लोगों ने संदेह व्यक्त किया, लेकिन आयोजकों का मानना है कि यह कदम कश्मीर घाटी में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और वहां की सांस्कृतिक विविधता में इजाफा कर सकता है।
उम्मीद की जा रही है कि इस साल के गणेशोत्सव के आयोजन से कश्मीर में खुशी और एकता का माहौल बनेगा। गणेशोत्सव के दौरान पुणे के गणेश मंडल वहां के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस पर्व को धूमधाम से मनाएंगे, जो क्षेत्र की शांति और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देगा।