AIN NEWS 1: राज्यसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इसने कई तानाशाहों का घमंड चकनाचूर कर दिया। शाह ने भारत की आर्थिक प्रगति और लोकतंत्र की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग देश के आर्थिक आत्मनिर्भर होने पर शक करते थे, आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। उन्होंने इसे गर्व और संकल्प का क्षण बताया।
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के प्रमुख बिंदु
1. संविधान की अनूठी संरचना:
शाह ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया में सबसे विस्तृत और लिखित है। संविधान सभा में 299 सदस्य विभिन्न जाति-धर्म से थे, जिन्होंने सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया।
हमारे संविधान का ड्राफ्ट जनता की टिप्पणियों के आधार पर संशोधित किया गया, जो इसे अन्य संविधानों से अलग बनाता है।
“हमारे वेदों में कहा गया है कि सभी दिशाओं से अच्छी बातों को लेना चाहिए,” उन्होंने यह कहते हुए भारत के संविधान की मौलिकता को रेखांकित किया।
2. आर्थिक और सामाजिक एकता:
स्वतंत्रता के बाद कई लोगों ने भारत के विघटन की भविष्यवाणी की थी, लेकिन सरदार पटेल के प्रयासों ने देश को एकजुट किया।
भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली, जो 75 वर्षों से सफल रही है, ने आलोचकों को गलत साबित किया।
आज, भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
3. लोकतंत्र की मजबूती:
शाह ने लोकतंत्र की सफलता पर कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि यह हर संकट से उबरने में सक्षम है।
“जो लोग लोकतंत्र को कमजोर समझते थे, उन्हें भारतीय लोकतंत्र की ताकत ने परास्त किया है।”
4. ईवीएम पर विपक्ष का विरोध:
शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब कांग्रेस चुनाव हारती है, तो ईवीएम को दोष देती है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को हार मिली तो ईवीएम खराब बताई गई, लेकिन झारखंड में जीत के बाद सब ठीक हो गया।
“यह विरोध केवल बहानेबाजी है,” उन्होंने कहा।
5. संविधान संशोधन और कांग्रेस:
शाह ने 1975 में आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द किया था। इसके बाद कांग्रेस ने संविधान में संशोधन करके प्रधानमंत्री को अदालती मामलों से छूट दिलाई।
“कांग्रेस ने बार-बार संविधान का दुरुपयोग किया और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की।”
6. गरीबी हटाओ के नारे पर सवाल:
शाह ने कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दशकों तक इसे केवल एक राजनीतिक हथकंडा बनाया गया।
“मोदी सरकार ने गरीबों के लिए 10% आरक्षण देकर ठोस कदम उठाए।”
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का पलटवार
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जो लोग आज कांग्रेस पर सवाल उठा रहे हैं, उनकी सफलता कांग्रेस की नीतियों की देन है।
खड़गे के भाषण के प्रमुख बिंदु:
1. “प्रधानमंत्री मोदी ने 15 लाख रुपये देने का वादा किया था, वह जुमला निकला। सबसे बड़े झूठे तो आप हैं।”
2. “शाह जी की ‘वॉशिंग मशीन’ में नेता क्लीन होकर आते हैं।”
3. “70 सालों में कांग्रेस ने देश को डॉक्टर, इंजीनियर और नेता दिए। यह नेहरू जी की दूरदर्शिता थी।”
वित्त मंत्री सीतारमण का जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खड़गे और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा:
1. “कांग्रेस ने दशकों तक बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर संसद में नहीं लगने दी।”
2. “गरीबी हटाओ का नारा सिर्फ राजनीति के लिए था।”
3. “नेहरू सरकार ने विरोधी कविताओं के लिए मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी को जेल में डाला।”
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी संविधान पर चर्चा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था।
“संविधान संशोधन करने का खून कांग्रेस के मुंह लग गया था। 6 दशकों में 75 बार संविधान बदला गया।”
उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने और संविधान के शोषण का आरोप लगाया।
संविधान पर हुई इस चर्चा ने विभिन्न दलों के दृष्टिकोण को सामने रखा। जहां एक ओर अमित शाह और निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया, वहीं खड़गे ने इसे नेहरू और कांग्रेस की देन बताया। इस बहस ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की मजबूती को लेकर जनता के सामने एक नई सोच पेश की।