AIN NEWS 1 | प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस धर्म संसद में न्यौता ही नहीं मिला।
सनातन बोर्ड के गठन पर शंकराचार्य की राय
- शंकराचार्य ने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन आवश्यक है, लेकिन इसका निर्माण केवल धर्माचार्यों के नेतृत्व में होना चाहिए।
- उन्होंने सवाल उठाया कि बिना शंकराचार्यों और आचार्यों के धर्म संसद कैसे हो सकती है?
- सरकार को इस बोर्ड से कोई संबंध नहीं होना चाहिए, अन्यथा इसका हाल भी वक्फ बोर्ड जैसा होगा।
वक्फ बोर्ड के खिलाफ कड़ा बयान
- शंकराचार्य ने स्पष्ट कहा कि हमने मुसलमानों से कुछ नहीं सीखा।
- उन्होंने बताया कि मुसलमानों के पास वक्फ बोर्ड होने के बावजूद, उन्होंने पर्सनल लॉ बोर्ड भी बनाया।
- वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए धार्मिक बोर्ड निष्प्रभावी हो सकते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा पर प्रतिक्रिया
- उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के महाकुंभ दौरे पर नाराजगी जताई।
- उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि अमित शाह गौहत्या पर सख्त कानून बनाने और गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की घोषणा करेंगे।
- उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन वे दौरा खत्म होने तक इंतजार करेंगे।
निष्कर्ष:
महाकुंभ में हुई धर्म संसद और सनातन बोर्ड के गठन को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकारी हस्तक्षेप का विरोध किया और वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग उठाई। साथ ही, अमित शाह से बड़े फैसलों की उम्मीद जताई, खासकर गौहत्या कानून को लेकर।
During the Dharm Sansad at Maha Kumbh 2025, Shankaracharya Avimukteshwaranand voiced strong opinions on the Sanatan Board formation, opposing government interference and emphasizing that only religious leaders should control it. He also criticized the Waqf Board, stating that Hindus have learned nothing from Muslims and advocating for its abolition. Additionally, he expressed disappointment with Home Minister Amit Shah’s visit, expecting strong announcements on cow slaughter laws and the recognition of the cow as the national mother.