AIN NEWS 1 कटरा, जम्मू-कश्मीर: कटरा में प्रस्तावित यात्री रोपवे परियोजना को लेकर स्थानीय दुकानदार और मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह परियोजना उनके जीवनयापन के साधनों पर बड़ा असर डाल सकती है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि या तो इस परियोजना को रद्द किया जाए, या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए।
क्या है विरोध का कारण?
रोपवे परियोजना को लेकर विरोध करने वालों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से तीर्थयात्रियों का आवागमन कटरा के मुख्य बाजार से बायपास हो जाएगा। इससे हजारों दुकानदारों और मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत श्रद्धालु ही हैं। दुकानदारों का दावा है कि बाजार की चहल-पहल और व्यापारिक गतिविधियों में भारी गिरावट आ सकती है।
रोपवे परियोजना का विवरण
यह परियोजना ताराकोट रूट से सांझी छत के बीच लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर प्रस्तावित है। इसके निर्माण पर करीब 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को एक तेज़ और सुविधाजनक यात्रा अनुभव देना है। हालांकि, स्थानीय लोगों को लगता है कि इसके चलते बाजार और अन्य व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
दुकानदारों और मजदूरों की मांगें
1. परियोजना को बंद किया जाए: प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि रोपवे का निर्माण रोका जाए ताकि बाजार की स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
2. उचित मुआवजा: यदि परियोजना को रद्द करना संभव न हो, तो प्रभावित दुकानदारों और मजदूरों को उनके नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
प्रभावित लोग क्या कह रहे हैं?
कटरा के एक दुकानदार ने बताया, “हमारी दुकानें और मजदूरी पूरी तरह से तीर्थयात्रियों पर निर्भर हैं। अगर रोपवे बन गया, तो लोग बाजार आए बिना सीधे ऊपर पहुंच जाएंगे, जिससे हमारा रोजगार खत्म हो जाएगा।”
वहीं, एक अन्य मजदूर का कहना है कि प्रशासन को पहले प्रभावित लोगों की समस्याओं को समझना चाहिए और उन्हें रोजगार का वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराना चाहिए।
प्रशासन की भूमिका
प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि, परियोजना के समर्थन में कहा जा रहा है कि इससे यात्रा के समय में कमी आएगी और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रोपवे परियोजना का संतुलित समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि विकास कार्यों के साथ-साथ स्थानीय व्यवसाय और रोजगार भी सुरक्षित रह सके। प्रशासन को जल्द ही इस मामले में निर्णय लेना होगा ताकि स्थिति और न बिगड़े।