गुस्से की दवा
AIN NEWS 1: एक महिला थी जिसे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता था। उसके गुस्से के कारण परिवार में हमेशा कलह का माहौल बना रहता था। परेशान होकर उसने एक दिन अपने दरवाजे पर आए साधू से अपनी समस्या बताई। महिला ने कहा, “महाराज, मुझे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और मैं अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाती। कृपया कोई उपाय बताएं।”
साधू ने उसे एक छोटी सी शीशी दिखाई और कहा, “जब भी तुम्हें गुस्सा आए, तो इसमें से चार बूंद अपनी जीभ पर डाल लेना और 10 मिनट तक मुंह बंद रखना। अगर तुम ऐसा करोगी, तो तुम्हारा गुस्सा शांत हो जाएगा।”
महिला ने साधू की सलाह मानते हुए उस दवा का उपयोग करना शुरू किया। सात दिन के भीतर ही उसके गुस्से की आदत छूट गई और घर में शांति का माहौल बन गया। सात दिन बाद जब साधू महिला के दरवाजे पर आया, तो महिला ने उसके पैर पकड़ लिए और कहा, “महाराज, आपकी दवा ने मेरा गुस्सा पूरी तरह से समाप्त कर दिया। अब मैं शांत रहती हूँ और हमारे परिवार में शांति है।”
तब साधू ने मुस्कुराते हुए बताया कि वह जो दवा थी, वह केवल पानी से भरी हुई थी। असल में, गुस्से को काबू में करने का तरीका चुप रहना था। जब हम गुस्से में होते हैं, तो हम उल्टा-पुल्टा बोलते हैं जिससे विवाद बढ़ता है। इसलिए गुस्से का इलाज केवल मौन रहकर किया जा सकता है।
शिक्षा:* गुस्से को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका मौन रहना है।