AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की सीसामऊ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कड़ा मुकाबला है। यह सीट पिछले 25 वर्षों से सपा का गढ़ रही है। सपा विधायक इरफान सोलंकी के जेल जाने और उनकी विधायकी समाप्त होने के बाद यह चुनाव हो रहा है।
सीट पर सियासी समीकरण
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.69 लाख मतदाता हैं, जिनमें 45% मुस्लिम, 30% एससी-ओबीसी और 25% सामान्य वर्ग के मतदाता शामिल हैं। सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है, जो सहानुभूति की लहर पर सवार हैं। भाजपा ने सुरेश अवस्थी को टिकट दिया है, जिनकी छात्रनेता के रूप में पहचान है। बसपा से वीरेंद्र शुक्ला चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका प्रदर्शन पिछले चुनावों में कमजोर रहा है।
सीएम योगी और अखिलेश की सक्रियता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले सात दिनों में इस क्षेत्र का दो बार दौरा किया, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जनसभा कर चुके हैं। भाजपा के रोड शो के जवाब में सपा ने भी शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की है।
मुस्लिम इलाकों में खामोशी
मुस्लिम बहुल इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय निवासी अशफाक सिद्दीकी ने बताया कि केडीए की कार्रवाई से नाराजगी है, लेकिन पहली बार भाजपा प्रत्याशी मुस्लिम इलाकों में संपर्क कर रहे हैं। वहीं, हिंदू बहुल क्षेत्रों में भाजपा को समर्थन मिलता दिख रहा है।
क्या नसीम सोलंकी को मिलेगा सहानुभूति का लाभ?
नसीम सोलंकी सहानुभूति की लहर पर भरोसा कर रही हैं। प्रचार के दौरान उनकी भावुक अपील मतदाताओं को आकर्षित कर रही है। हालांकि, भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी की युवा छवि और सीएम योगी की कानून-व्यवस्था की छवि भाजपा के पक्ष में माहौल बना रही है।
चाय-पान पर चर्चा
लेनिन पार्क और 80 फीट रोड जैसी जगहों पर मतदाताओं में चुनाव को लेकर उत्साह देखा गया। कुछ लोगों ने कहा कि यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा। वहीं, कुछ मतदाताओं का कहना था कि सपा ने विकास सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाकों तक सीमित रखा।
बसपा के वोट काटने का खतरा
सीसामऊ में एससी मतदाता बड़ी संख्या में हैं। अगर बसपा ने इन वोटों में सेंध लगाई, तो भाजपा को नुकसान हो सकता है। हालांकि, बसपा का जनाधार पिछले चुनावों में लगातार घटा है।
पिछले चुनावों में सपा का दबदबा
2022: सपा 12,266 वोटों से जीती
2017: सपा 5,826 वोटों से जीती
2012: सपा 19,663 वोटों से जीती
उम्मीदवारों की स्थिति
1. सुरेश अवस्थी (भाजपा): हिंदू बहुल क्षेत्रों में लोकप्रिय।
2. नसीम सोलंकी (सपा): सहानुभूति की लहर पर सवार।
3. वीरेंद्र शुक्ला (बसपा): वोट कटवा की भूमिका में।
निष्कर्ष
सीसामऊ सीट सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। परिणाम, प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।