AIN NEWS 1: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और अंततः 12 सितंबर 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनकी मौत हो गई।
सीताराम येचुरी को 19 अगस्त 2024 को निमोनिया की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनकी मोतियाबिंद की सर्जरी की गई थी, और वे सांस संबंधी बीमारियों से भी ग्रसित थे। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी स्थिति बिगड़ती गई, और उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया। स्थिति और बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया, लेकिन अंततः उनका जीवन नहीं बचाया जा सका।
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री प्राप्त की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से मास्टर डिग्री हासिल की। 1974 में उन्होंने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़कर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की। 1975 में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बने और 1984 में सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति में शामिल हुए।
सीताराम येचुरी ने 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुनाव जीते और 2018 में दूसरी बार और 2022 में तीसरी बार सीपीआई (एम) के महासचिव के पद पर नियुक्त हुए। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है, और उनकी कमी को भरा जाना कठिन होगा।
सीताराम येचुरी ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सीपीआई (एम) ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उनकी बौद्धिक क्षमताओं और राजनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें एक प्रमुख नेता बनाया। उनका निधन एक बड़ी क्षति है, और उनकी याद में उनके अनुयायी और समर्थक शोक में हैं।