AIN NEWS 1 | आज के समय में हमारी ज़िंदगी का हर काम स्मार्टफोन से जुड़ चुका है। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक, अलार्म से लेकर सोशल मीडिया रील्स और यूट्यूब वीडियो तक, सब कुछ फोन पर ही निर्भर हो गया है। शुरुआत में स्मार्टफोन सुविधा जैसा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक लत में बदल जाता है।
कई लोग तो दिनभर फोन को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ते—खाना खाते समय, चलते हुए, ऑफिस में, यहां तक कि बाथरूम में भी। यह आदत मज़ेदार लग सकती है, लेकिन सच यह है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रहा है। आइए जानते हैं कि स्मार्टफोन की लत किन-किन समस्याओं और बीमारियों का कारण बन सकती है।
1. मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
जब हम घंटों तक एक ही पोजीशन में फोन पकड़कर बैठे रहते हैं, तो शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों पर इसका बुरा असर पड़ता है।
गर्दन लगातार झुकाने से दर्द और अकड़न बढ़ जाती है, जिसे टेक-नेक (Tech Neck) कहा जाता है।
लगातार टाइपिंग और स्वाइपिंग करने से टेक्स्टिंग थंब (Texting Thumb) जैसी स्थिति हो सकती है, जिसमें अंगूठों और हाथों में दर्द या खिंचाव महसूस होता है।
लंबे समय तक नजरअंदाज करने पर यह समस्या क्रोनिक दर्द और हड्डियों की बीमारियों का कारण बन सकती है।
2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
स्मार्टफोन की लत केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
सोशल मीडिया, गेम्स और वीडियो में ज्यादा समय बिताने से दिमाग थकने लगता है।
नींद का समय कम हो जाता है, जिससे नींद की कमी (Sleep Deprivation) होने लगती है।
ऑनलाइन समय बढ़ने से वास्तविक जीवन के रिश्ते कमजोर होते हैं और अकेलापन व उदासी बढ़ जाती है।
धीरे-धीरे यह स्थिति एंग्जाइटी, डिप्रेशन और तनाव में बदल सकती है।
बच्चों और किशोरों में यह लत पढ़ाई से ध्यान हटाने, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ाने का कारण बन रही है।
3. आंखों की सेहत को खतरा
स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट (Blue Light) आंखों के लिए बेहद हानिकारक होती है।
लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में जलन, धुंधलापन और ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या होती है।
लंबे समय तक इसका असर रहने से आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है और चश्मा लगने की संभावना बढ़ जाती है।
स्क्रीन टाइम कंट्रोल न करने पर यह समस्या स्थायी भी हो सकती है।
4. आलस और मोटापा बढ़ना
फोन पर घंटों बैठे रहने से शरीर की एक्टिविटी कम हो जाती है।
लगातार बैठे रहने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और शरीर थका-थका महसूस करता है।
शारीरिक गतिविधि की कमी से वजन बढ़ना, मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
धीरे-धीरे यह आलस हमारी वर्क प्रोडक्टिविटी और हेल्दी लाइफस्टाइल को भी नुकसान पहुंचाता है।
5. नींद में गड़बड़ी
आजकल देर रात तक फोन स्क्रॉल करना आम बात हो गई है, लेकिन यह आदत हमारी नींद की क्वालिटी को खराब करती है।
देर रात फोन चलाने से दिमाग सक्रिय रहता है और नींद आने में देर होती है।
नींद पूरी न होने से दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी बनी रहती है।
लंबे समय तक ऐसा करने से क्रोनिक स्लीप डिसऑर्डर जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।
स्मार्टफोन का इस्तेमाल करें, लेकिन संतुलन के साथ
स्मार्टफोन का इस्तेमाल आज की जरूरत है, लेकिन इसकी लत हमारे लिए खतरनाक हो सकती है।
कोशिश करें कि फोन का इस्तेमाल काम और जरूरी कार्यों तक ही सीमित रखें।
दिनभर में कुछ घंटे फोन से दूरी बनाकर रखें और उस समय परिवार, दोस्तों या शौक को दें।
सोने से पहले कम से कम 1 घंटा फोन का इस्तेमाल न करें।
बच्चों को फोन देने की बजाय उन्हें आउटडोर एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें।
स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी को आसान बनाता है, लेकिन अगर हम इसे नियंत्रित न करें तो यही आदत हमारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। समझदारी इसी में है कि फोन का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से करें, न कि इसे ज़िंदगी पर हावी होने दें।