प्रधानमंत्री मोदी और भारत की भूमिका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की तत्परता व्यक्त की है। भारत हर संभव प्रयास करने को तैयार है ताकि इस संघर्ष का कूटनीतिक समाधान निकाला जा सके।
NSA अजीत डोभाल की संभावित पहल: हाल ही में रिपोर्टों के अनुसार, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान पर चर्चा करने के लिए मॉस्को का दौरा करेंगे। यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब रूस और यूक्रेन दोनों ने भारत को इस संघर्ष के कूटनीतिक समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का संकेत दिया है।
विदेशी नेताओं की प्रतिक्रियाएँ:
- इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी:
7 सितंबर, 2024 को इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों की भूमिका संघर्ष सुलझाने में महत्वपूर्ण हो सकती है। उनका बयान उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में एम्ब्रोसेटी फोरम के दौरान आया, जहां उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ भी बैठक की थी। - रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन:
6 सितंबर, 2024 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत जैसे देशों की तारीफ की जो मौजूदा संघर्ष को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
यूक्रेन की मांग और भारत की भूमिका:
- वोलोदिमिर जेलेंस्की की इच्छा:
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भारत में एक और शांति सम्मेलन आयोजित करने की इच्छा जताई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सुझाव का समर्थन किया और भारत की शांति के पक्ष में मजबूत स्थिति की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा: 23 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया। यह यात्रा 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक और कूटनीतिक कदम थी।
निष्कर्ष: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का मॉस्को दौरा रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान में एक नई दिशा दे सकता है। भारत की शांति और कूटनीतिक पहल की व्यापक सराहना हो रही है, और यह संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।