AIN NEWS 1 | “हर दिन कोई आता है और बस यही कहता है कि मैंने अपने परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दी है। क्योंकि मैं हिंदू हूं और जिससे मैंने शादी की है, वो मुस्लिम है। लेकिन मैं उसी के साथ रहना चाहती हूं।” – ये दर्द भरे शब्द हैं गाजियाबाद की रहने वाली 25 वर्षीय सोनिका चौहान के, जिनकी शादी अकबर नाम के युवक से हुई है और अब यह शादी पूरे समाज की नजरों में एक “विवाद” बन चुकी है।
🔶 कैसे शुरू हुई ये कहानी?
सोनिका और अकबर, दोनों गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहते हैं। बचपन से पड़ोसी रहे दोनों करीब 9 साल पहले एक-दूसरे के करीब आए। पहले स्कूल और फिर कॉलेज, साथ-साथ समय बिताया। सोनिका केंद्रीय विद्यालय में पढ़ती थीं और वहीं से अकबर के साथ बातचीत शुरू हुई।
समय के साथ दोनों का रिश्ता गहरा होता गया। सोनिका को पढ़ाई में अधिक रुचि नहीं थी, इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन ओपन स्कूल से किया और फिर वीएलसीसी में ब्यूटी ट्रेनिंग ली। इसी दौरान 2019 में जब संस्थान ने उनका प्रमाणपत्र रोक लिया, तब अकबर के वकील भाई ने मदद की और 140 लड़कियों की शिकायत दर्ज कराई। अंततः सोनिका को सर्टिफिकेट मिल गया।
🔶 बन गया सपना – सैलून खोलना
सर्टिफिकेट मिलने के बाद सोनिका ने 2022 में अपना सैलून खोल लिया। इस दौरान अकबर ने हर संभव मदद की। दोनों आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुके थे और उन्होंने कोर्ट मैरिज का फैसला कर लिया।
🔶 गुपचुप शादी और फिर तूफान
29 अगस्त 2022 को दोनों ने कोर्ट में शादी की। उन्होंने इसे गुप्त रखा और सोचा कि समय आने पर परिवार को बताएंगे। 24 मई 2025 को अचानक सब कुछ बदल गया। सोनिका की मां ने उसे घर बुलाया और बाद में घर से गहने चोरी होने की बात कहकर अकबर से पूछताछ की।
जब सोनिका ने सैलून लौटने की कोशिश की तो मां ने उसे थप्पड़ मार दिया। पिता भी पहुंचे और शादी के बारे में पूछा। जब दोनों ने शादी का सर्टिफिकेट दिखाया, तो हालात और बिगड़ गए।
🔶 एफआईआर और अपहरण का आरोप
बिना किसी हिंसा या जबरदस्ती के, सोनिका और अकबर अपने रिश्ते को बचाने के लिए गाड़ी से इलाहाबाद निकल पड़े। रास्ते में दोनों ने एक वीडियो बनाकर बताया कि वे शादीशुदा हैं और कोई जबरदस्ती नहीं है।
लेकिन अगली सुबह पुलिस का फोन आया – गाजियाबाद थाने में अकबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। आरोप था कि उन्होंने सोनिका का अपहरण किया है।
🔶 पुलिस सुरक्षा की उम्मीद, मिली जेल
दोनों ने 25 मई को थाने में सरेंडर किया, उम्मीद थी कि पुलिस उनकी रक्षा करेगी। लेकिन सोनिका के पिता द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अकबर को 26 मई को गिरफ्तार कर लिया।
स्थानीय संगठनों जैसे बजरंग दल, इंदिरापुरम युवा मोर्चा और उत्तराखंड समाज से जुड़े लोगों ने अकबर की दुकान में तोड़फोड़ भी की। मामला “लव जिहाद” बताया गया।
🔶 जेल और न्याय की लड़ाई
अकबर 14 दिनों तक जेल में रहे। इस दौरान उनकी बहनों और रिश्तेदारों को भी परेशान किया गया। 8 जून को उन्हें जमानत मिली। लेकिन अब तक सोनिका को कोर्ट में पेश नहीं किया गया ताकि उनका बयान दर्ज हो सके।
🔶 समाज का डर, रिश्ते पर असर
अकबर बताते हैं, “हमने कानून के तहत शादी की। किसी ने धर्म नहीं बदला। मैं मंदिर भी उसके साथ जाता था। लेकिन हमारी निजी जिंदगी को राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया।”
सोनिका का दर्द साफ है, “मैं बस उसके साथ रहना चाहती हूं। क्या मेरे प्यार की कोई जगह नहीं इस समाज में?”
🔶 पुलिस क्या कहती है?
गाजियाबाद ट्रांस हिंडन के डीसीपी निमिष दशरथ का कहना है कि वे सोनिका को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। जब वह तैयार होगी, तब उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
सोनिका और अकबर की यह कहानी केवल एक प्रेम विवाह की नहीं, बल्कि सामाजिक दबाव, पारिवारिक विरोध और धार्मिक असहिष्णुता की गहरी तस्वीर है। ये सवाल उठाती है कि क्या आज भी भारत में दो वयस्कों को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार सुरक्षित है?
The story of Sonika and Akbar, a Hindu-Muslim couple from Ghaziabad, highlights the social challenges and legal implications of interfaith marriages in India. Their love, once rooted in childhood friendship, turned into a court marriage under the Special Marriage Act in 2022. However, when the family discovered their secret union, the situation escalated to FIRs, public outrage, accusations of love jihad, and social threats. This article explores their journey, the emotional toll, and the socio-political dynamics surrounding interfaith relationships in modern India.