AIN NEWS 1: 2020 के कोविड लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों की मदद कर सोनू सूद को ‘मसीहा’ का दर्जा मिला। उनकी इस दरियादिली के चलते लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनू सूद राजनीति में कदम रख सकते हैं। हाल ही में उनकी नई फिल्म ‘फतेह’ के प्रमोशन के दौरान उनसे राजनीति में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया।
सोनू ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री और डिप्टी मुख्यमंत्री बनने तक का ऑफर दिया गया था। यहां तक कि राज्यसभा सदस्य बनने का भी प्रस्ताव मिला। लेकिन उन्होंने विनम्रता से इन सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया।
‘सीएम बनने का ऑफर ठुकराया’
सोनू ने एक इंटरव्यू में कहा, “मुझे सीएम और डिप्टी सीएम बनने का ऑफर मिला था। कुछ बड़े लोग, जो देश के सम्मानित व्यक्तित्व हैं, उन्होंने मुझे राज्यसभा सदस्य बनने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में आकर आपको लड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
हालांकि, सोनू ने इन प्रस्तावों को स्वीकारने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “जब आप लोकप्रिय होते हैं, तो लाइफ में ऊंचाई पर जाना शुरू करते हैं, लेकिन ऊंचाई पर ऑक्सीजन कम हो जाती है। मुझे पता है कि राजनीति में कई लोग पैसा और पावर के लिए आते हैं, लेकिन मेरा फोकस मदद करने पर है, और वह मैं अपने तरीके से कर रहा हूं।”
राजनीति से दूर रहने की वजह
सोनू ने राजनीति से दूरी बनाए रखने की वजह बताते हुए कहा, “मैंने राजनीति इसलिए नहीं चुनी क्योंकि मुझे डर है कि मेरी आजादी खत्म हो जाएगी। अभी मैं किसी से पूछे बिना किसी की मदद कर सकता हूं। अगर राजनीति में जाऊंगा, तो जवाबदेही बढ़ जाएगी और मुझे सीमाओं का पालन करना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि राजनीति में कदम रखने पर उन्हें बड़ी सुरक्षा, सरकारी आवास और एक ओहदा मिल सकता है। लेकिन फिलहाल वे इन चीजों के लिए तैयार नहीं हैं।
फिल्मी दुनिया से जुड़ा है सोनू का दिल
सोनू ने यह भी कहा कि उनका दिल अभी भी सिनेमा की दुनिया में है। वे अभिनेता और निर्देशक के रूप में अपना करियर जारी रखना चाहते हैं। हालांकि, भविष्य में राजनीति में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने संभावना से इनकार नहीं किया।
उन्होंने कहा, “शायद कुछ सालों बाद मैं राजनीति में आऊं। मैं राजनीति के खिलाफ नहीं हूं और नेताओं का सम्मान करता हूं। लेकिन फिलहाल मेरा ध्यान फिल्मों पर है। जब लगेगा कि अब इस क्षेत्र में सब कर लिया है, तो देश के लिए कुछ करने की सोचूंगा।”
सोनू सूद की सोच और दृष्टिकोण उन्हें बाकी लोगों से अलग बनाते हैं। वह राजनीति में आने के बजाय अपनी आजादी और मानवता के प्रति सेवा भावना को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, भविष्य में राजनीति के प्रति उनका नजरिया बदल सकता है।