AIN NEWS 1: बंगाल की खाड़ी में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने लगा है, जिससे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में डिप्रेशन का सिस्टम विकसित हो रहा है, जो आने वाले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है।
मौसम का तेवर बदलने की आशंका
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह लो-प्रेशर सिस्टम वर्तमान में चेन्नई से 370 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व, विशाखपट्टनम से 450 किलोमीटर दक्षिण और गोपालपुर (ओडिशा) से 640 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि यह सिस्टम मजबूत हुआ तो यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। इससे तटवर्ती इलाकों में मौसम में बदलाव आ सकता है और बारिश और तेज हवाओं के कारण तबाही की संभावना बढ़ सकती है।
चक्रवाती तूफान का खतरा
इस समय बंगाल की खाड़ी में बन रहे इस लो-प्रेशर क्षेत्र से जुड़े मौसम का असर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी देखा जा रहा है। हालांकि, फिलहाल इस बात का कोई पूर्वानुमान नहीं है कि यह सिस्टम चक्रवाती तूफान में बदलने जा रहा है, लेकिन मौसम विभाग ने आगाह किया है कि अगर यह सिस्टम आगे बढ़ता है और मजबूत होता है, तो चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा पर असर
कुछ हफ्ते पहले, बंगाल की खाड़ी में आए साइक्लोनिक स्टॉर्म फेंजल ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाएं लाई थीं, जिससे काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी, अगर यह सिस्टम आगे बढ़ता है, तो इन राज्यों के तटवर्ती इलाकों में बारिश और तेज हवा की स्थिति बन सकती है।
मौसम में बदलाव की संभावना
मौसम विभाग ने बताया है कि यह लो-प्रेशर सिस्टम अगले 24 घंटों में और आगे बढ़ सकता है, हालांकि इस समय यह तटवर्ती इलाकों से काफी दूर है। फिलहाल, उत्तर और पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड का सामना हो रहा है, जबकि जम्मू-कश्मीर के घाटी इलाकों में तापमान माइनस में जा चुका है और पानी की पाइपलाइनों तक में बर्फ जमने लगी है।
बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा लो-प्रेशर सिस्टम आने वाले दिनों में किसी भी समय चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है, जिससे तटवर्ती राज्यों में तबाही का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।