उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर समाजवादी पार्टी के भीतर खींचतान सामने आई है। सीतापुर जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता आजम खान और उनके परिवार को लेकर पार्टी के नेताओं की आपसी बयानबाज़ी अब खुलकर सामने आने लगी है। मामला उस वक्त गरमा गया जब सपा के पूर्व सांसद डॉ. एस.टी. हसन ने आजम खान पर सीधा निशाना साधते हुए उन्हें “मौकापरस्त” और “एहसान फरामोश” करार दे दिया।
आजम खान की करीबी सांसद रुचि वीरा ने किया पलटवार
हसन के बयान के तुरंत बाद मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा, जो आजम खान के बेहद करीब मानी जाती हैं, सामने आईं और उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि डॉ. हसन का बयान गैरज़रूरी था और इससे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, “इस समय बयान देने की कोई आवश्यकता नहीं थी, खासकर तब जब आजम खान और उनका परिवार कठिन समय से गुजर रहा है।”
“आजम साहब ने पार्टी को सींचा है” – वीरा
रुचि वीरा ने आजम खान की पार्टी में भूमिका को लेकर कहा कि, “आजम साहब देश के सबसे बड़े सेक्युलर नेताओं में से एक हैं। उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ कुर्बान किया है और खुद अखिलेश यादव भी उनका सम्मान करते हैं।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि ऐसे निजी बयानों पर प्रतिक्रिया देने से बचें, क्योंकि यह सपा की एकता को तोड़ सकता है।
“आपसी विवाद पार्टी को कमजोर कर सकते हैं”
वीरा ने यह भी कहा कि चुनावी साल में इस प्रकार की प्रतिक्रिया पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। “पिछले अनुभवों से हमने सीखा है कि ऐसे विवादात्मक बयानों से हमारी साख को चोट पहुंचती है,” उन्होंने जोड़ा। उन्होंने कहा कि दोनों परिवारों – आजम खान और डॉ. हसन – के बीच कोई गंभीर मतभेद नहीं है और सब कुछ ठीक है।
अब्दुल्लाह आजम से दूरी की खबरों पर जवाब
जब उनसे पूछा गया कि अब्दुल्लाह आजम किसी सपा नेता से नहीं मिल रहे या बड़े नेता आजम परिवार से दूरी बना रहे हैं, तो वीरा ने इन बातों को खारिज करते हुए कहा, “हर कोई अपनी सुविधा और संवेदनशीलता के हिसाब से मिल रहा है या मदद कर रहा है। इसमें कोई दूरी नहीं है।”
“अखिलेश यादव सब जानते हैं, वही सही निर्णय लेंगे”
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आजम खान की स्थिति से भलीभांति वाकिफ हैं और किस नीति के तहत उनकी मदद करनी है, यह तय करना उनका काम है। “वो पार्टी के मुखिया हैं और आजम खान का बहुत सम्मान करते हैं,” वीरा ने कहा।
Samajwadi Party faces internal unrest as former MP ST Hasan calls senior leader Azam Khan “opportunistic,” prompting a strong response from Moradabad MP Ruchi Vera. Defending Khan, she warned that such statements could harm the party’s unity and public image, especially with the upcoming UP elections 2025. Vera emphasized that Akhilesh Yadav respects Khan deeply and knows how to handle the situation. This growing tension over Azam Khan in jail and the lack of party leader visits to his family has triggered questions about the internal dynamics of the SP.