AIN NEWS 1 | सोमवार, 11 अगस्त 2025 का दिन समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए सियासी मायनों में बेहद अहम और चर्चित रहा। सुबह की शुरुआत लखनऊ में विधानमंडल के मानसून सत्र से हुई, जहां सपा विधायकों ने इतना जोरदार हंगामा किया कि विधानसभा को बार-बार स्थगित करना पड़ा। वहीं, दिन का दूसरा बड़ा सियासी शो दिल्ली में देखने को मिला, जब अखिलेश यादव ने पुलिस की बैरिकेडिंग फांदकर पूरे विपक्षी प्रदर्शन में अपनी अलग पहचान बना ली।
लखनऊ: विधानसभा में सपा का हंगामा
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ। जैसे ही कार्यवाही आगे बढ़ी, सपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सदन में एक गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में गोरखपुर दौरे के दौरान उनके साथ अभद्रता हुई। पांडेय के मुताबिक, उन्हें गाड़ी से खींचने की कोशिश की गई और उनका रास्ता रोक दिया गया।
इस आरोप के बाद सपा विधायकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और मांग की कि इस घटना की जांच कराई जाए।
सीएम योगी आदित्यनाथ का जवाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए माता प्रसाद पांडेय को एक वरिष्ठ नेता बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि “कुछ लोग आपके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साध रहे हैं। आपको मोहरा नहीं बनना चाहिए।”
योगी ने गोरखपुर के विरासत कॉरिडोर को लेकर सपा की राजनीति को विकास विरोधी और नकारात्मक बताया।
संसदीय कार्यमंत्री का बयान और सदन स्थगित
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी कहा कि यह मामला पूरी तरह राजनीतिक है, इसलिए जांच का कोई औचित्य नहीं है। इस दौरान सपा विधायकों का हंगामा लगातार जारी रहा।
पहले, स्पीकर सतीश महाना ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित किया।
दोबारा 12:22 बजे कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन नारेबाजी थमी नहीं।
अंत में, स्पीकर ने सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
दिल्ली: अखिलेश यादव का बैरिकेड फांदना बना सुर्खियां
इसी दिन दिल्ली में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ के नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 लोकसभा चुनावों में कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च करने की कोशिश की।
मार्च के दौरान पुलिस ने नेताओं को परिवहन भवन के पास रोक दिया। इसी बीच, कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने पुलिस बैरिकेड फांद दी, और उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया।
अखिलेश के कदम का असर
हालांकि मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, TMC और DMK के नेता भी शामिल थे, लेकिन अखिलेश के बैरिकेड फांदने का दृश्य मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना।
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वीडियो को बड़े पैमाने पर शेयर करते हुए लिखा,
“PDA ने ठाना है, SIR वापस करवाना है!”
और पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से संदेश दिया गया,
“PDA मिलकर कहो – SIR तुरंत वापस लो।”
राजनीतिक मायने
अखिलेश का यह कदम सिर्फ भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि विपक्षी खेमे के भीतर भी ध्यान आकर्षण का कारण बना। प्रदर्शन पूरे विपक्ष का था, लेकिन मीडिया की सुर्खियां सपा अध्यक्ष के नाम रहीं।
लखनऊ में विधानसभा के हंगामे और दिल्ली में बैरिकेड फांदने की घटना ने भाजपा पर दबाव तो डाला ही, साथ ही यह संदेश भी दिया कि सपा अब सिर्फ यूपी की राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहती।
बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें?
सपा ने मानसून सत्र को केवल चार दिन का रखने पर सवाल उठाए हैं और इसे बढ़ाने की मांग की है। ऐसे में, विधानसभा के बार-बार स्थगित होने के बाद आगे की रणनीति भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
सोशल मीडिया पर सपा का आक्रामक अंदाज और अखिलेश यादव की वायरल तस्वीरें इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिनों में सपा अपने विरोध को और तेज करेगी।
11 अगस्त का दिन सपा के लिए दोहरे सियासी फायदों वाला रहा – लखनऊ में सत्ता पक्ष पर सीधा हमला और दिल्ली में विपक्षी प्रदर्शन में केंद्र बिंदु बनना। भाजपा और अन्य विपक्षी दल दोनों के लिए यह दिन एक चेतावनी की तरह है कि सपा सड़कों और सदन, दोनों जगह आक्रामक रुख अपनाने के लिए तैयार है।
On August 11, the Samajwadi Party made political waves from Lucknow to Delhi. In the UP Assembly, SP legislators staged protests leading to repeated adjournments, while in Delhi, Akhilesh Yadav jumped a police barricade during an India alliance march against alleged voter list irregularities. The dual events placed SP at the political forefront, challenging the BJP and drawing national attention to the party’s aggressive stance in both Uttar Pradesh politics and national opposition movements.