महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मतदान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बुधवार (20 नवंबर) को मतदान के कुछ घंटों बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।
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Toggleफडणवीस ने इसे बताया शिष्टाचार भेंट
फडणवीस ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए राजनीतिक अटकलों को खारिज किया। उन्होंने कहा,
“भागवत जी शहर में थे, इसलिए मैंने उनसे मिलने का फैसला किया। यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात थी।”
हालांकि, चुनावी नतीजों के ठीक पहले हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
एग्जिट पोल और फडणवीस का आत्मविश्वास
एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को 130 से 156 सीटें मिलने का अनुमान है, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त हैं। फडणवीस ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“मैं एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करता। हमें चुनावी परिणाम का इंतजार है, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि महायुति को बहुमत मिलेगा।”
15 मिनट की मुलाकात ने बढ़ाई उत्सुकता
फडणवीस और भागवत की 15 मिनट की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मुलाकात महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनाने और सीएम पद को लेकर समर्थन हासिल करने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है।
भाजपा की रणनीति: RSS की सलाह का महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर दावा मजबूत करना चाहती है। मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी दूसरे स्थान पर रही।
भाजपा की परंपरा के अनुसार, महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले पार्टी RSS से परामर्श करती है। खासतौर पर सीएम उम्मीदवार के चयन में संघ की भूमिका अहम मानी जाती है।
भाजपा की स्थिति मजबूत करने की योजना
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार दिख रही है। यदि भाजपा चुनाव में एग्जिट पोल के मुताबिक प्रदर्शन करती है, तो यह न केवल सरकार में बल्कि गठबंधन के भीतर भी अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।
क्या फडणवीस बनेंगे मुख्यमंत्री?
फडणवीस और भागवत की मुलाकात के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र में भाजपा की बड़ी जीत की संभावना को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएम पद का फैसला कैसे होता है।
क्या देवेंद्र फडणवीस फिर से महाराष्ट्र की कमान संभालेंगे, या महायुति के भीतर एक और बड़ा राजनीतिक समीकरण देखने को मिलेगा? इसका जवाब आने वाले चुनाव परिणाम और उसके बाद के घटनाक्रम में छिपा है।