Sri Sri Ravishankar Expresses Support for Dharma Sansad, Talks About the Importance of Sanatan Dharma Globally
श्री श्री रविशंकर ने धर्म संसद को दी शुभकामनाएं, सनातन धर्म के महत्व पर की चर्चा
AIN NEWS 1: गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने हाल ही में धर्म संसद में शामिल न होने के कारणों पर प्रकाश डाला और इस महत्वपूर्ण आयोजन के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें देवकीनंदन ठाकुर जी से इस आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों की वजह से वह इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए। हालांकि, उन्होंने इस आयोजन के सफल होने की शुभकामनाएं दी और सभी आयोजकों को अपना समर्थन भेजा।
सनातन धर्म की आवश्यकता और वैश्विक महत्व
श्री श्री रविशंकर ने सनातन धर्म की निरंतरता और उसकी रक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “आज के समय में सनातन धर्म को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बचाए रखना आवश्यक हो गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के इस महत्वपूर्ण कार्य में संतों का योगदान अद्वितीय है और हमें इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
गुरुदेव ने यह भी उल्लेख किया कि धर्म संसद के आयोजक, विशेष रूप से देवकीनंदन ठाकुर जी, जो कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम कर रहे हैं, का प्रयास बहुत सराहनीय है। उनका योगदान सनातन धर्म के प्रचार और उसके महत्व को उजागर करने में महत्वपूर्ण है।
ग्लोबल सैद्धांतिक समर्थन का महत्व
श्री श्री रविशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म के अनुयायी अब केवल भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विश्व भर में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमें न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करने की दिशा में कार्य करना होगा। यह समय की आवश्यकता बन गया है।”
उनके अनुसार, धर्म के प्रति प्रतिबद्धता और संतों द्वारा किए गए प्रयास हमें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इन प्रयासों के साथ, दुनिया में धर्म की वास्तविकता और उसकी शांति की भावना को फैलाना जरूरी है।
Vishwa Shanti Sewa Charitable Trust और धर्म के प्रसार में योगदान
इस वीडियो में गुरुदेव ने विशेष रूप से “विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट” का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन का भी धर्म के प्रचार और उसके प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि यह संगठन न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी धर्म के संदेश को फैलाने में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
गुरुदेव ने संतों और धर्म से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया, जिनके समर्पण और योगदान से सनातन धर्म को मजबूत बनाने का काम हो रहा है। उनका मानना है कि यह संयुक्त प्रयास ही धर्म की वास्तविक शक्ति को प्रदर्शित करेगा और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएगा।
श्री श्री रविशंकर का यह संदेश केवल धर्म संसद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में सनातन धर्म के अनुयायियों को प्रेरित करने का एक प्रयास है। उनका यह कहना कि सनातन धर्म को बचाए रखना हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, एक मजबूत और प्रभावशाली दृष्टिकोण है जो आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गया है।
इसलिए, यह जरूरी है कि हम सभी एकजुट होकर धर्म की रक्षा करें और संतों के मार्गदर्शन में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएं। श्री श्री रविशंकर का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि धर्म केवल एक विश्वास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जिसे हमें सच्चाई और निष्ठा के साथ जीना चाहिए।
Sri Sri Ravishankar recently spoke about his inability to attend the Dharma Sansad organized by Devkinandan Thakurji. He expressed his best wishes for the success of the event, emphasizing the importance of preserving Sanatan Dharma not just in India, but across the world. He praised the efforts of saints who contribute significantly to maintaining the integrity of Sanatan Dharma and highlighted the need for global support from its followers. He also mentioned the role of Vishwa Shanti Sewa Charitable Trust in spreading the teachings of Sanatan Dharma globally. The message serves as a call to action for all to unite and protect the values of Sanatan Dharma for future generations.