AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने थानेदारों के ट्रांसफर पर गंभीरता दिखाई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने आदेश जारी किए हैं कि बिना ठोस कारण के बार-बार थानेदारों को बदलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्देश:
1. ठोस कारण की आवश्यकता : थानेदारों को केवल ठोस कारण के बिना नहीं हटाया जा सकेगा। यदि कोई थानेदार कार्रवाई के तहत हटाया जाता है, तो उसे अगले छह महीने तक किसी थाने का चार्ज नहीं दिया जाएगा।
2. तैनाती के मानक : थानेदारों की तैनाती उनकी योग्यता, कर्मठता, और कार्यकुशलता के आधार पर की जाएगी। जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, थानेदारों की तैनाती में मानक और नियमों का पालन सही से नहीं हो रहा है।
3. अनुमोदन प्रक्रिया : जिलों के कप्तान दावेदारों की सूची वरिष्ठता क्रम के अनुसार तैयार कर, अनुमोदन के लिए एडीजी, आईजी या डीआईजी को भेजेंगे। वरिष्ठ अफसर एक सप्ताह के अंदर अनुमोदित सूची कप्तान को भेजेंगे।
4. बैड एंट्री की सजा : अनुमोदित सूची में बैड एंट्री वाले थानेदारों को तत्काल हटा दिया जाएगा। यदि किसी अन्य कारण से थानेदार हटाया जाता है, तो उसे छह महीने तक दोबारा थाने का चार्ज नहीं दिया जाएगा।
5. प्रशासनिक ट्रांसफर : प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किए गए इंस्पेक्टर और एसआई को एक वर्ष तक थाना प्रभारी के पद पर नहीं रखा जाएगा। अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को किसी जिले या इकाई में अटैच नहीं किया जाएगा।
6. साप्ताहिक और मासिक समीक्षा : एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करेंगे और मासिक समीक्षा करेंगे। किसी भी शिथिलता पर कार्रवाई की जाएगी और हर महीने की पांच तारीख को थानाध्यक्षों की तैनाती के संबंध में रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को भेजी जाएगी।