AIN NEWS 1: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के बदले भूमि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिहार मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किए हैं। इस मामले में उच्च-profile व्यक्तियों की संलिप्तता ने इसे और अधिक जटिल बना दिया है।
कोर्ट ने इस मामले में अक्षेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है। इसके साथ ही, तेज प्रताप यादव, जो कि एके इन्फोसिस लिमिटेड के निदेशक रह चुके हैं, उनकी संलिप्तता भी जांच के दायरे में है और उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
इस मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ एक अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। इस सूची में से चार आरोपियों की मौत हो चुकी है, जिससे मामले की पेचीदगियां और बढ़ गई हैं।
कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि उन्हें निर्धारित समय में कोर्ट में उपस्थित होना होगा। अगर आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
इस मामले में आरोप है कि नौकरी के बदले भूमि की खरीद-फरोख्त में अनियमितता की गई थी, जिससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब कुछ दस्तावेजों की जांच के दौरान कई वित्तीय अनियमितताएँ उजागर हुईं।
तेजस्वी यादव, जो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री भी हैं, को इस मामले में विशेष रूप से संदेह के घेरे में रखा गया है। उनकी राजनीति और पिता के विरुद्ध उठते सवालों ने उन्हें सुर्खियों में रखा है। इस मामले के चलते बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है, और यह भी देखने की बात होगी कि ये आरोप कैसे राजनीतिक दृष्टिकोण को प्रभावित करेंगे।
लालू प्रसाद यादव, जो कि एक अनुभवी नेता हैं, ने इस मामले में अपनी सफाई देने का संकेत दिया है। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय की जांच लगातार चल रही है और आगे की कार्रवाई इस पर निर्भर करेगी कि आरोपियों की प्रतिक्रिया कैसी होती है।
इस मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी और कोर्ट की कार्रवाई पर सभी की नजरें होंगी। इससे यह साफ हो जाएगा कि क्या आरोपियों को न्यायालय से राहत मिलती है या फिर उन्हें कानूनी दांवपेंचों का सामना करना पड़ेगा।
इस प्रकार, नौकरी के बदले भूमि मनी लॉन्ड्रिंग मामले ने बिहार और दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मचा रखी है। सभी संबंधित पक्षों की प्रतिक्रियाएँ और आगे की कार्रवाई देखने लायक होगी।