AIN NEWS 1: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उसकी पिछली आदेशों का पालन न करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार आदेश का पालन नहीं करती है, तो मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य बिंदु
1. अनुपालन की कमी: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार ने पहले दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया है। न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है और इससे वायु गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है।
2. पराली जलाने के मामले: कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि वह पराली जलाने के मामलों में अभियोजन क्यों नहीं कर रही है। अदालत का कहना है कि सरकार केवल नाममात्र के जुर्माने के जरिए लोगों को छोड़ रही है, जबकि यह एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा है।
3. ISRO की भूमिका: सुप्रीम कोर्ट ने इसरो की भूमिका का भी उल्लेख किया, जिसने अग्नि की घटनाओं का सटीक स्थान बताया है। कोर्ट ने कहा कि जब इसरो जानकारी प्रदान कर रहा है, तो सरकार यह क्यों कहती है कि उसे कोई घटना नहीं मिल रही है।
हरियाणा सरकार का जवाब
हरियाणा सरकार ने अपने बचाव में कहा कि वह वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह उपाय पर्याप्त नहीं हैं और तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता है।
न्यायालय की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि हरियाणा सरकार अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझती है, तो अदालत कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगी। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की यह कड़ी कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वायु प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उचित कदम उठाए और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपाय करे। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो कोर्ट और भी सख्त कार्रवाई कर सकता है।
इस प्रकार, हरियाणा की स्थिति पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और इसे सुधारने के लिए तत्काल प्रयासों की आवश्यकता है।