AIN NEWS 1 दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से ताहिर हुसैन को आगामी चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं।
कौन हैं ताहिर हुसैन?
ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य थे। लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी छोड़कर AIMIM का दामन थाम लिया। उन्हें दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था। इन आरोपों के चलते वह पिछले कुछ वर्षों से जेल में हैं।
जमानत और कानूनी स्थिति
ताहिर हुसैन को कुछ मामलों में जमानत मिल चुकी है। हालांकि, कई अन्य गंभीर मामलों में वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। दंगे से जुड़े आरोपों के कारण वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाए हैं।
चुनावी रणनीति और AIMIM का निर्णय
ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाना AIMIM की एक रणनीतिक चाल मानी जा रही है। पार्टी का मानना है कि ताहिर हुसैन के क्षेत्र में उनका प्रभाव बना हुआ है और इससे पार्टी को फायदा हो सकता है। हालांकि, उनके जेल में होने और दंगे के मामलों में उनका नाम आने से यह कदम विवादों में घिर सकता है।
विपक्ष के सवाल
इस फैसले को लेकर राजनीतिक दलों ने AIMIM पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों का कहना है कि दंगों के आरोपी को चुनाव लड़ने का मौका देना न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है। वहीं AIMIM का कहना है कि अदालत में ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, और उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है।
ताहिर हुसैन की वर्तमान स्थिति
फिलहाल ताहिर हुसैन तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनके वकील का कहना है कि वह निर्दोष हैं और अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।
चुनाव पर असर
ताहिर हुसैन को टिकट देने के AIMIM के फैसले का मुस्तफाबाद की राजनीति पर क्या असर होगा, यह चुनाव परिणाम के बाद ही साफ हो पाएगा। लेकिन यह फैसला अभी से ही दिल्ली की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन चुका है।