अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा और “इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान” के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर तालिबान भड़क गया है। अफगानिस्तान ने इस कदम की निंदा करते हुए अमेरिका और इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
तालिबान का बयान – “अमेरिका ही जंग की वजह”
समाचार एजेंसी AFP के अनुसार, अफगानिस्तान के डिप्टी गृह मंत्री मोहम्मद नबी ओमारी ने कहा कि अगर ICC निष्पक्ष होता, तो वह अमेरिका को अदालत में लाता। उन्होंने कहा, “अमेरिका ही युद्ध की असली वजह है। अगर ICC न्यायप्रिय होता, तो वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी अदालत के कटघरे में खड़ा करता।”
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित और दोहरे मानकों पर आधारित बताया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि “इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान इन आरोपों को खारिज करता है और इसकी कड़ी निंदा करता है।”
बयान में कहा गया, “तालिबान के खिलाफ ऐसे निराधार आरोप तब लगाए जा रहे हैं जब देश में शांति बहाल हो चुकी है। लोगों ने राहत की सांस ली है, निजी जेलें और मानवाधिकार उल्लंघन जैसी घटनाएं खत्म हो गई हैं।”
ICC की चुप्पी पर सवाल
विदेश मंत्रालय ने ICC की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, “अफसोस की बात है कि ICC ने अफगानिस्तान पर 20 साल के कब्जे के दौरान विदेशी ताकतों और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों पर कोई संज्ञान नहीं लिया।”
तालिबान ने यह भी आरोप लगाया कि ICC की यह कार्रवाई उसकी पहले से ही कमजोर साख को और गिरा देगी। उन्होंने कहा कि वे पूरी दुनिया पर मानवाधिकारों की कोई एकतरफा परिभाषा थोपने में विश्वास नहीं रखते और हर देश के धार्मिक और राष्ट्रीय मूल्यों का सम्मान करने में यकीन रखते हैं।
निष्कर्ष
तालिबान के इस बयान से यह साफ हो गया है कि वह ICC के वारंट को स्वीकार नहीं करेगा और इसे पश्चिमी देशों द्वारा राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया कदम मानता है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय प्रणाली और मानवाधिकारों से जुड़े बड़े सवाल खड़े करता है।
The Taliban has strongly criticized the International Criminal Court (ICC) for issuing an arrest warrant against its leaders, including Haibatullah Akhundzada and Abdul Hakim Haqqani. Afghanistan’s Foreign Ministry called the move politically motivated and accused the ICC of ignoring war crimes committed by the USA and Israel. Taliban leaders have demanded legal action against Benjamin Netanyahu and questioned ICC’s credibility, stating that it remained silent on human rights violations during 20 years of US occupation in Afghanistan. This statement comes amid growing global discussions on justice and accountability.